लखनऊ: मुख्यमंत्री ने कहा महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आन्दोलन को उस समय नेतृत्व प्रदान किया, जब देश में हर ओर निराशा थी और लोगों ने पराधीनता को नियति मान लिया था। उस समय गांधी जी ने एक धोती और हाथ में लाठी लेकर सादगी के साथ नेतृत्व किया और स्वच्छता, स्वदेशी, ग्राम स्वराज व स्वावलम्बन के माध्यम से आजादी की लड़ाई में नयी जान फूंकी। देश आजाद हुआ। इसने दुनिया के तमाम देशांे को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गरीबी को पूर्णतः समाप्त करना है। इसके अलावा, भुखमरी की समाप्ति, अच्छा स्वास्थ्य और बेहतर जीवन स्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के मिशन को पूर्ण करना, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना, उद्योग और बुनियादी ढांचे के विकास की दृष्टि से कार्य करना, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाना, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त करना, जलवायु परिवर्तन, भूमि पर जीवन एवं सतत उपभोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि संरक्षण और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने के लिए निरन्तर प्रयास तथा इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाना, शान्ति एवं न्याय की स्थापना तथा लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी अन्य लक्ष्य हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यभार संभालने के पश्चात स्पष्ट कर दिया था कि देश के विकास का एजेण्डा किसी व्यक्ति, परिवार, जाति, मत, मजहब, भाषा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देश के सभी व्यक्तियों के लिए बिना भेदभाव के समान रूप से सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। विकास सबका होगा, लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा। केन्द्र और प्रदेश सरकार ने विगत समय में इसी के अनुरूप कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिस तरह और जिन मूल्यों और आदर्शाें पर कार्य किया, जिनके कारण वो महात्मा कहलाए। उन्हें ध्यान में रखकर सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा करके कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का स्वास्थ्य पर गहरा सकारात्मक असर हुआ है। विगत ढाई वर्षाें में ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ 61 लाख परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया है। शहरी इलाकों में भी 8.5 लाख से अधिक शौचालय बनाये गये हैं। राज्य के अगल-बगल के प्रदेश विषाणुजनित बीमारियों से परेशान हैं, किन्तु प्रदेश में मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों का कोई असर नहीं है। यह स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की देन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के कारण प्रदेश के इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 38 जिलों में इस बीमारी से पीड़ित होने वाले बच्चों की संख्या में बड़ी कमी आयी है। वर्ष 2015 में 2900 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हुए थे, इनमें से 491 की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2016 में 3911 बच्चे बीमार हुए थे, इनमें से 641 की मृत्यु हुई थी। इस वर्ष 30 अगस्त, 2019 तक मात्र 938 बच्चे इंसेफेलाइटिस से पीड़ित हुए, इनमें से केवल 35 बच्चे ही काल के गाल में समाये। उन्होंने कहा इसी तरह जापानी इंसेफेलाइटिस से हानेवाली मौतों में भी कमी आयी है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी के सिद्धान्तों पर चलते हुए हमारी सरकार ने जनता की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दिया और उन्हें छत उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, अन्त्योदय कार्ड योजना, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना, उज्ज्वला योजनाएं आदि लागू की गयी हैं। राज्य सरकार ने मेडिकल काॅरपोरेशन बनाकर पर्याप्त मात्रा में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करायी है। प्रधानमंत्री ने देश को टी0बी0 से मुक्त कराने का लक्ष्य 2025 का रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए काम कर रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 2020 में शुरू हो जाएगा। इसी तरह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे भी दो महीने में शुरू हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज के बीच 640 किलोमीटर लम्बा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारी सरकार में यह पहली बार है जब पास्को एक्ट में त्वरित कार्रवाइयां हुई हैं। विगत अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में औरैया में एक अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना में मात्र 20 दिन में चार्जशीट दाखिल होती है और फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा 7 दिन के अन्दर अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयाी। एक अन्य मामले में बालिका की हत्या करने वाले अपराधी को एक महीने के अन्दर सजा सुनायी गयी है। इसके पूर्व सदन में अपने विचार रखनेवाले मंत्रियों में अशोक कटारिया, मुकुट बिहारी वर्मा, रमा शंकर पटेल, चन्द्रिका प्रसाद, श्रीराम चैहान, नीलिमा कटियार, गुलाब देवी, गिरीश यादव, जय प्रकाश निषाद, सूर्य प्रताप शाही, बृजेष पाठक, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चैहान, जय प्रताप सिंह, मोहसिन रजा और यशवंत सिंह व लक्षमण प्रसाद आचार्य आदि ने प्रमुख रहे।
@शाश्वत तिवारी