नई दिल्लीः गृहमंत्री अमित शाह का विशेष विमान उड़ाने के लिए बीएसएफ के पायलट विंग कमांडर (रिटायर्ड) जेएस सांगवान द्वारा फर्जी ईमेल करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद जेएस सांगवान ने सीमा सुरक्षा बल के एयर विंग से इस्तीफा देने की पेशकश की है।
जेएस सांगवान पर आरोप है कि उन्होंने अमित शाह का विमान उड़ाने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का फर्जी इस्तेमाल किया। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से एल एंड टी को कई ईमेल किए। इस मामले में उनके खिलाफ आपराधिक आरोपों में जांच चल रही है। हालांकि, उनका इस्तीफा तब तक मंजूर नहीं किया जा सकता जब तक उनके खिलाफ जारी जांच पूरी नहीं कर ली जाती।
आरोपी विंग कमांडर (रिटायर्ड) जेएस सांगवान कारगिल युद्ध में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जून और जुलाई में इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन फर्म लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) को बीएसएफ के एयर विंग से लगातार कई ईमेल प्राप्त हुए थे।
इन ईमेल में सांगवान को एल एंड टी के विमानों को उड़ानें का मौका दिए जाने की सिफारिश की गई थी। बता दें बीएसएफ के एयर विंग के पास ही गृहमंत्री के विमानों को उड़ाने का जिम्मा होता है। ईमेल में लिखा हुआ था कि सांगवान के पास विमान उड़ाने का करीब 4,000 घंटों का अनुभव है।
अमित शाह के विमान को उड़ाने से दो दिन पहले कंपनी ने बीएसएफ से संपर्क किया तो पता चला कि वहां से इस तरह का कोई ईमेल नहीं भेजा गया है। यहां तक कि सांगवान को को-पायलट का भी दर्जा नहीं मिला है। इस खुलासे के बाद जेएस सांगवान ने सितंबर के पहले हफ्ते में ही इस्तीफे की पहली पेशकश की थी।
विभागीय जांच चलने के कारण उनका इस्ताफा मंजूर नहीं हो पाया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जब तक उनकी जांच लंबित है, उनके इस्तीफे पर फैसला नहीं लिया जा सकता। आरोपी पायलट ने अपने स्वेच्छा से दिए इस्तीफे को 31 अक्तूबर से प्रभावी मानने की गुजारिश की थी।