ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोला है।
हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने मॉब लिंचिंग पर दिए मोहन भागवत के बयान पर कहा कि जिस विचारधारा ने महात्मा गांधी और तबरेज की हत्या की, उससे ज्यादा भारत की बदनामी नहीं हो सकती।
ओवैसी ने कहा, मोहन भागवत लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगाने की बात नहीं कह रहे हैं, बल्कि वो ये कह रहे हैं कि इसे लिंचिंग न कहा जाए।
बता दें कि मंगलवार को विजयादशमी के मौके पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि मॉब लिंचिंग पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
भागवत के इस बयान पर औवेसी ने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ित भारतीय थे। दोषियों को किसने माला पहनाई। तिरंगे में शव को किसने लपेटा। बीजेपी सांसद गोडसे से प्यार करते हैं।
गांधी और तबरेज की हत्या करने वाली जो विचारधारा है उससे बड़ी बदनामी भारत की नहीं हो सकती। भागवत लिंचिंग पर रोक की बात नहीं कह रहे हैं, वो कह रहे हैं इसे लिंचिंग न कहा जाए।
ओवेसी ने बीड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि 2014 के बाद से भारत में मॉब लिंचिंग की घटना बढ़ रही है, वह भी जानबूझकर की गई मानसिकता के साथ।
उन्होंने कहा कि अगर मोहन भागवत कहते हैं कि मॉब लिंचिंग का भारत के साथ कोई संबंध नहीं है, तो मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं। मॉब लिंचिंग का इस देश के साथ संबंध है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जिस तरह से सिख समुदाय के लोगों को मारा गया, वह भी मॉब लिंचिंग था।
ओवैसी ने कहा, अगर वे (मोहन भागवत) यह कहना चाहते हैं कि मॉब लिंचिंग का भारत से कोई संबंध नहीं है, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 2002 में गुजरात में क्या हुआ था। अगर मोहन भागवत कहते हैं कि मॉब लिंचिंग से कोई संबंध नहीं है तो भागवत को वैसे लोगों को, गोडसे की मानसिकता वाले लोगों को रोकना चाहिए जिन्होंने तबरेज की हत्या की। तबरेज अंसारी की हत्या करने वालों का बीजेपी मंत्री ने स्वागत किया था। इसलिए जब तक ऐसी हत्याएं होती रहेंगी, भारत में मॉब लिंचिंग बना रहेगा।