शाहजहांपुर : पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रंगदारी प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी सिंह राठौर के भाई डीपी सिंह राठौर को हिरासत में लिया है। डीपी सिंह जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं। आरोप है कि, उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके साथियों की फिरौती मामले में मदद की है। एसआईटी ने आधी रात उनके घर पर छापा मारकर लैपटॉप व पेन ड्राइव जब्त की है।
एसआईटी को शक है कि चिन्मयानंद की मालिश का वीडियो जिस चश्मे में लगे हिडिन कैमरे से बनाया गया, वह डीपी सिंह के पास हो सकता है। अब एसआईटी चश्मे की बरामदगी के लिए पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार, डीपी सिंह राठौर ने चिन्मयानंद की मदद करने और समझौता कराने का भी प्रयास किया था, लेकिन उसी दौरान वीडियो वायरल हो गए।
एसआईटी ने शनिवार को शाहजहांपुर में एसएस कॉलेज और उसके आसपास सबूतों को जुटाने के लिए तलाशी अभियान चलाया। एसआईटी को कॉलेज से सटे नाले से लेडीज बैग, कपड़े और दस्तावेज मिले हैं। पुलिस के अनुसार एसआईटी की टीम सुबह एसएस कॉलेज पहुंची और वहां पर पूछताछ की। इसके बाद करीब पांच घंटे तक नाले को खंगाला गया। कपड़े एवं लेडीज पर्स पीड़िता के बताए जा रहे हैं। मिले कागजातों की जांच की जा रही है। हालांकि, स्टिंग में इस्तेमाल चश्मे का कोई पता नहीं चल सका है। एसआइटी चश्मा बरामद करने के लिए रविवार को भी नाला खंगाला सकती है।
एसआईटी उस चश्मे की भी तलाश कर रही है, जिससे लड़की ने स्टिंग ऑपरेशन किया था। उसी चश्मे में लगे खुफिया कैमरे से ही पूर्व गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद बेनकाब किए जा सके। छात्रा ने कई बार कहा कि उसने हॉस्टल के रूम में चश्मा रखा था, लेकिन वहां चश्मा नहीं मिला।
शाहजहांपुर की कोर्ट ने चिन्मयानंद की जमानत याचिका पर 8 नवंबर को सुनवाई तय की है और इससे पहले अभियोजन पक्ष से 4 नवंबर को जवाब दाखिल करने को कहा है। इस पर बचाव पक्ष को 7 नवंबर को जवाब देना है। चिन्मयानंद से वसूली के आरोप में छात्रा और उसके तीन साथी भी जेल में हैं।