अंबाला : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत पंचकूला हिंसा और दंगों के मामले में जमानत मिलने के बाद अंबाला जेल से बाहर आ गई हैं। जेल से बाहर आने के बाद वह सीधे सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के आश्रम में पहुंचीं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। हनीप्रीत की एक झलक को देखने को बेताब डेरा समर्थक कतार में खड़े थे और उन्होंने इस मौके पर जमकर पटाखे भी फोड़े। इस दौरान हनीप्रीत ने मीडिया से कुछ भी बात नहीं की और सीधे डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय की ओर बढ़ गईं।
जेल अधिकारियों ने बताया कि पंचकूला हिंसा में जमानत मिलने के बाद शाम 5.45 बजे जेल से रिहाई की सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं और उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। अंबाला सेंट्रल जेल के एसपी लखबीर सिंह ने बताया कि जेल से बाहर आने के बाद अपने भाई साहिल के साथ हनीप्रीत डेरा मुख्यालय की ओर रवाना हो गईं। अंबाला पुलिस कुरुक्षेत्र सीमा तक उनके साथ थी। इसके बाद का सफर बिना पुलिस सुरक्षा के अपने रिश्तेदारों के साथ उन्होंने तय किया।
इससे पहले पंचकूला की सीजेएम कोर्ट ने बुधवार को हनीप्रीत को पंचकूला हिंसा और दंगों के मामले में जमानत दे दी थी। हनीप्रीत पिछले दो साल से अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद रही। सुनवाई के बाद हनीप्रीत के वकील आरएस चौहान ने हनीप्रीत की जमानत याचिका मंजूर होने की पुष्टि करते हुए कहा कि जमानत के लिए एक लाख रुपये के दो-दो बॉन्ड भरे गए। हनीप्रीत पर पिछली बार देशद्रोह की धारा हट गई थी और शेष धाराओं को तहत जमानत मिल सकती थी। कोर्ट की तरफ से जमानत देते हुए कोई शर्त नहीं रखी गई।
हनीप्रीत को मिली इस बड़ी राहत ने पूरे मामले की तफ्तीश करने वाली हरियाणा पुलिस को फिर बड़ा झटका दे दिया है। पुलिस को हाल में सबसे बड़ा झटका उस समय लगा था, जब कोर्ट ने हनीप्रीत व अन्य आरोपियों पर लागू देशद्रोह की धारा को हटा दिया था, जबकि शेष धाराओं पर आरोप तय कर दिए थे। हनीप्रीत को पंचकूला दंगे और हिंसा के मामले में दर्ज एफआईआर नंबर 345 में जमानत मिली है। हनीप्रीत ने खुद को पूरे मामले में बेकसूर बताते हुए जमानत की याचिका दाखिल की थी।
मामले की सुनवाई के दौरान हनीप्रीत को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश किया गया। इसी दौरान अन्य आरोपी भी पेश हुए। आरोपियों पर विभिन्न धाराओं पर सुनवाई पूरी हो गई। हनीप्रीत व अन्य आरोपियों पर पिछली बार धारा 121 व 121-ए हटा दी गई थीं, जबकि आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत आरोप तय किए गए थे।
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त, 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार देने के बाद पंचकूला समेत अन्य जगह व्यापक पैमाने पर हिंसा और दंगे हुए थे। इसमें काफी जान-माल का नुकसान हुआ था। हनीप्रीत शुरुआत से खुद को निर्दोष बताती रही हैं। जमानत याचिका के लिए उसने कई दलीलें दी थीं। उसने दावा किया था कि हिंसा में उसकी कोई भी भूमिका नहीं थी। उसकी दलील थी कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के दौरान वह डेरा प्रमुख के साथ कोर्ट में मौजूद थी और सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद सुनारिया (रोहतक) चली गई थी। सुनारिया जेल में डेरा मुखी को भेजा गया था।