नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शनिवार की सुबह में जो हुआ,वो भारतीय राजनीति के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा उलट फेर है। पिछले कई दिनों से शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की बैठक चल रही थी। शुक्रवार देर रात तक तीनों पार्टियों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बातचीत हो रही थी, लेकिन शनिवार सुबह सब धरा का धरा रह गया। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस बैठकों में फंसी रह गई और बीजेपी ने अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर से महाराष्ट्र की सत्ता संभाली और दूसरी बार मुख्यमंत्री बन गए। वहीं एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बड़ा गेम खेला और बीजेपी के साथ मिल कर सरकार बना ली। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली।
अजित पवार ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गए। उनके इस फैसले को एनसीपी ने निजी फैसला बताया। पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के फैसले ने पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई घोटाले में गिरफ्तारी का डर दिखाकर अजित पवार को बीजेपी ने ब्लैकमेल किया है। संजय राउत ने कहा कि गिरफ्तारी की डर दिखाकर अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया। उन्होंने कहा कि अजित पवार के साथ मौजूद एनसीपी के विधायक लौट आएं है। अजित पवार अकेले गए हैं और जल्द ही वो भी लौट आएंगे।
Sanjay Raut, Shiv Sena: We are in touch with Dhananjay Munde and there is a possibility of even Ajit Pawar coming back. Ajit has been blackmailed, it will be exposed who is behind this, in Saamna newspaper soon. https://t.co/vESFauyjWR pic.twitter.com/DIomJ1niK2
— ANI (@ANI) November 23, 2019
संजय राउत ने कहा कि अजित पवार को कौन ब्लैकमेल कर रहा है, इसका खुलासा जल्द वो शिवसेना के मुखपत्र सामना में करेंगे। उन्होंने कहा कि हम धनंजय मुंडे से सपंर्क में हैं और अजित पवार के वापस आने की भी संभावना है। उन्होंने कहा कि उन्हें ब्लै कमेल किया जा रहा है, जिसका खुलासा वो जल्द ही करेंगे।
अजीत पवार पर प्रवर्तन निदेशालय की भी जांच चल रही है। सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र कार्पोरेशन बैंक से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस केस में अतीज पवार को भी दोषी पाया गया। इस मामले में उनके खिलाफ जांच चल रही है। वहीं अजित पवार पर सिंचाई घोटाले की जांच भी चल रही है। पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्विटर पर लिखा कि देवेन्द्र फडणवीस ने अजीत पवार के कथित सिंचाई विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर करके एक भ्रष्टाचार विरोधी धर्मयुद्ध के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाई थी। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में हुए करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूर्व उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को जिम्मेदार ठहरायायह बहुचर्चित सिंचाई घोटाला करीब 70,000 करोड़ रुपए का है, जो कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान अनेक सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें शुरू करने में कथित भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।