केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है जरूरत है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को गीता का श्लोक सिखाया जाए और स्कूल में मंदिर बनाया जाए क्योंकि ईसाई स्कूलों में बच्चे पढ़ लिख कर डीएम, एसपी, इंजीनियर तो बन जाते हैं लेकिन वही बच्चे जब विदेश जाते हैं तो अधिकतर गौ मांस का भक्षण करते हैं। उन्हें वह संस्कार ही नहीं मिल पाता है। जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही स्कूलों में गीता का श्लोक और हनुमान चालीसा पढ़ाया जाए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर धार्मिक समारोह में ऐसा बयान दिया है जो चर्चा में है। गिरिराज सिंह ने स्कूलों में गीता का श्लोक पढ़ाने और मंदिर बनाने की मांग कर डाली है।
गिरिराज सिंह ने कहा, आज धर्म और सनातन जिंदा है इसलिए लोकतंत्र जिंदा हैं। लोग हमें कट्टरपंथी कहते हैं, हम कहां से कट्टरपंथी बन पाएंगे जब हमें पूर्वजों और धर्म ने सिखाया कि चीटियों को गुड़ खिलाने से और पेड़ में पानी देने से फल मिलता है। इतना ही नहीं हम आस्तीन के सांप को भी नाग पंचमी के दूध पिलाते हैं. लेकिन वही सांप आज रोज गालियां दे रहे हैं और रोज डस रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने आगे कहा जरूरत है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को गीता का श्लोक सिखाया जाए और स्कूल में मंदिर बनाया जाए क्योंकि ईसाई स्कूलों में बच्चे पढ़ लिख कर डीएम, एसपी, इंजीनियर तो बन जाते हैं लेकिन वही बच्चे जब विदेश जाते हैं तो अधिकतर गौ मांस का भक्षण करते हैं। उन्हें वह संस्कार ही नहीं मिल पाता है। जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही स्कूलों में गीता का श्लोक और हनुमान चालीसा पढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा,”सरकारी स्कूलों में अगर वह गीता का श्लोक, हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कहेंगे तो लोग कहेंगे भगवा एजेंडा लागू किया जा रहा है। इसकी शुरुआत प्राइवेट स्कूल से होनी चाहिए।
दरअसल केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज बेगूसराय के लोहिया नगर में भागवत कथा के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया. समारोह को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने विरोधियों पर निशाना साधा और लोगों से यह अपील की।