संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ गोली चलाने की दो घटनाओं के बाद रविवार देर रात जामिया इस्लामिया के गेट नंबर 5 पर स्कूटी सवार दो अज्ञात युवकों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर फायरिंग कर दी।
हालांकि गोली किसी को लगी नहीं, लेकिन इससे मौके पर दहशत और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जब तक प्रदर्शनकारी छात्र कुछ समझ पाते स्कूटी सवार फरार हो गए।
इस घटना के विरोध में छात्रों ने जामियानगर थाने का घेराव कर लिया और गोली चलाने वालों को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ गए।
हालांकि पुलिस अधिकारियों ने गोली चलने की घटना की पुष्टि नहीं की है। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के अतिरिक्त डीसीपी कुमार ज्ञानेश ने इस मामले पर कहा है कि, ”जामिया नगर के एसएचओ अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की। वहां उन्हें कोई खोखे नहीं मिले। यहां तक कि जब लोगों से पूछताछ की गई तो हर कोई अलग बयान दे रहा था। हर कोई अलग हमलावर की गाड़ी के बारे में अलग बात कह रहा था। कोई कह रहा था कि हमलावर स्कूटर पर आए थे तो कुछ ने कहा कि वो कार में आए थे। उस दौरान कई लोग और छात्र पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गए थे। हम इस मामले में जांच बैठाएंगे और कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।”
वहीं, शिकायत दर्ज होने के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्र वापस लौटने लगे। छात्रों ने बताया कि स्कूटी चला रहे लोगों ने लाल रंग की जैकेट पहन रखी थी। स्कूटी का नंबर 1532 बताया जा रहा है।
वहीं, घटना की सूचना पर मौके पर पुलिस बल भी पहुंच गया। थाने के बाहर लगातार छात्रों की भीड़ बढ़ती जा रही थी और वे दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
घटना को लेकर जामिया समन्वय समिति ने अपना बयान जारी किया है। समिति ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि गेट नंबर पांच के पास दो अज्ञात लोगों ने फायरिंग की है। अभी तक किसी को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है।
घटना को लेकर कई प्रदर्शनकारी संगठनों ने पुलिस उपायुक्त, चुनाव आयोग, गृह मंत्रालय़ और मानवाधिकार आयोग को चिट्ठी लिखी है। प्रदर्शन में वुमन आफ शाहीन बाग, फोरम आफ सिटीजन फॉर इक्वल राइट्स और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस पीस शामिल हैं।
चिट्ठी में कहा गया है कि बड़ी जगहों पर बैठे लोग खुले आम चुनौती दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस का दायित्व है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए हिंसा के सहारे लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। हम चाहते हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।
देर रात प्रदर्शन करने और स्थानीय थाने में शिकायत करने के बाद छात्र लौट गए।