चीन के शिनझियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम को हर पल ‘कैद’ में जीने को मजबूर हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में करीब 10 लाख उइगर मुसलमानों को कैद करके डिटेंशन कैंपों में रखा गया है। डिटेंशन कैंपों के बाहर के उइगर मुसलमानों के भी फोन, लोकेशन, फोन डेटा, आईकार्ड और गाड़ियों की ट्रैकिंग की जाती है। उनकी धार्मिक आजादी छीन ली गई है। बड़ी तादाद में मस्जिदों को जमींदोज कर दिया गया है जिनकी सैटलाइट तस्वीरों को पूरी दुनिया ने देखा है। कुरान पढ़ने, दाढ़ी बढ़ाने, नमाज पढ़ने, बच्चों के इस्लामिक नाम तक रखने पर रोक लगाई जा रही है। बड़ी तादाद में उइगर युवाओं को डिटेंशन कैंपों में रखा गया है। नाजियों के ‘यातना गृहों’ जैसे इन डिटेंशन कैंपों में पर अत्याचार होते हैं, महिलाओं की जबरन नसबंदी कर दी जाती है।
एक बार फिर चीन उइगर मुस्लिमों को लेकर सुर्खियों में हैं। उइगर मुस्लिम हमेशा से चीन की सरकार और सेना के निशाने पर रहे हैं। चीन का मानना है कि उइगर मुस्लिम चीन के लिए खतरा हैं। चीन ने इनपर दाढ़ी बढ़ाने और नकाब पहनने के कारण भी ऐक्शन लिया है और उन्हें अज्ञात जगह पर हिरासत में भेज दिया गया है। हालिया जानकारी में उइगर मुसलमानों को ऐसे कारणों से भी हिरासत में लिया गया है जो उनके रोजमर्रा का काम है। खास बात ये है कि चीन इस मसले पर टिप्पणी तक से बचता रहा है।
चीन के सुदूर पश्चिम में उइगर इमाम खेती करने वाले अपने समुदाय की आधारशिला रहे हैं। शुक्रवार को वह उपदेश देते थे कि इस्लाम शांति को मानने वाला धर्म है। रविवार को वह हर्बल दवाइयों से लोगों का मुफ्त में इलाज करते थे। सर्दियों में वह गरीबों के लिए कोयला खरीदकर उनकी मदद करते थे। लेकिन 3 साल पहले लाखों उइगर मुस्लिम चीनी सरकार के निशाने पर आ गए थे और उन्हें शिविरों में कैद कर दिया गया था। सबसे बड़े उइगर इमाम को भी चीन में रह रहे उनके तीनों बेटों के साथ कैद कर दिया गया।
एक नए डेटाबेस से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उनसे एमर, उनके तीनों बेटों और सैकड़ों दूसरे उइगरों को हिरासत में लिए जाने का कारण पता चलता है। न्यूज एजेंसी एपी द्वारा जुटाए गए डेटाबेस में 311 लोगों की नजरबंदी की जानकारी मिली है। इन लोगों के रिश्तेदार विदेश में हैं और उनके 2,000 से ज्यादा रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों के बारे में सूचनाएं इसमें लिस्टेड हैं। हर एंट्री में हिरासत में लिए गए व्यक्ति का नाम, अड्रेस, नैशनल आईडेंटिटी नंबर, हिरासत की तारीख और लोकेशन शामिल हैं। इसके अलावा उनके परिवार, धर्म और पड़ोसी का बैकग्राउंड, हिरासत में लेने की वजह और उन्हें रिहा किया जाना है या नहीं, यह सब भी शामिल है। पिछले एक साल में जारी हुए इन डॉक्युमेंट्स में यह नहीं बताया गया है कि किस सरकारी विभाग ने और क्यों इन दस्तावेजों को तैयार किया गया है।
मध्य और पूर्वी एशिया के मूल रूप से तुर्क होते हैं उइगर। चीन के शिनझियांग प्रांत में लगभग 11 मिलियन उइगर मुसलमान हैं। ज्यादातर उइगर इस्लाम धर्म को मानते हैं और चीन में यह धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है। शिनझियांग प्रांत में उइगर लोगों की संख्या 44% है और इनमें से लगभग 41% उइगर इस्लाम धर्म मानते हैं।
अथॉरिटीज का दावा है, डेटाबेस में इस बात पर जोर दिया गया है कि चीनी सरकार द्वारा सिर्फ राजनीतिक उग्रवाद ही नहीं बल्कि धर्म भी हिरासत में लेने का मुख्य कारण रहा। लेकिन चौंकाने वाली बात है कि रोजमर्रा की साधारण चीजें जैसे प्रार्थना, मस्जिद में जाना, दाढ़ी बढ़ाना और नकाब पहनना भी हिरासत के कारणों में शामिल है। कैंपों में अधिकतर ऐसे लोग हिरासत में हैं जो अपने रिश्तेदारों के साथ हैं। एमर की तरह ही इन लोगों के पूरे परिवार को शिविरों में कैद कर लिया गया है।
परिवार के साथ कैद किए लोगों को ट्रैक किया जाता है और उन्हें अलग-अलग नाम की कैटिगरी में रखा जाता है। जैसे इन परिवारों को ‘विश्वसनीय’ या ‘अविश्वसनीय’ का दर्जा दिया गया है। उनके व्यवहार को ‘साधारण’ या ‘अच्छे’, परिवारों में धार्मिक वातावरण ‘लाइट’ और ‘हैवी’ जैसे ग्रेड में बांटा गया है। डेटाबेस में यह बताया गया है कि हिरासत में रखे गए हर व्यक्ति के कितने रिश्तेदार जेल में हैं या ‘ट्रेनिंग सेंटर’ भेजे गए हैं।
शिनझियांग प्रांत की सरकार ने इस बार में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग से पूछा गया कि एक खास धर्म के लोगों और उनके परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है तो उन्होंने कहा, ‘इस तरह की बकवास टिप्पणी करने लायक नहीं है।’ बता दें इससे पहले चीनी सरकार ने कहा था कि ये डिटेंशन सेंटर (शिविर) वॉलंटरी जॉब ट्रेनिंग के लिए हैं और इनमें धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।
चीन के शिनझियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम को हर पल ‘कैद’ में जीने को मजबूर हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में करीब 10 लाख उइगर मुसलमानों को कैद करके डिटेंशन कैंपों में रखा गया है। डिटेंशन कैंपों के बाहर के उइगर मुसलमानों के भी फोन, लोकेशन, फोन डेटा, आईकार्ड और गाड़ियों की ट्रैकिंग की जाती है। उनकी धार्मिक आजादी छीन ली गई है। बड़ी तादाद में मस्जिदों को जमींदोज कर दिया गया है जिनकी सैटलाइट तस्वीरों को पूरी दुनिया ने देखा है। कुरान पढ़ने, दाढ़ी बढ़ाने, नमाज पढ़ने, बच्चों के इस्लामिक नाम तक रखने पर रोक लगाई जा रही है। बड़ी तादाद में उइगर युवाओं को डिटेंशन कैंपों में रखा गया है। नाजियों के ‘यातना गृहों’ जैसे इन डिटेंशन कैंपों में पर अत्याचार होते हैं, महिलाओं की जबरन नसबंदी कर दी जाती है। – एजेंसी