अंदोराम ने बताया के उसने जमालो के बारे में आखिरी बार तब सुना था जब उसने अन्य लोगों के साथ तेलंगाना का पेरुरु गांव छोड़ा था। कोरोना संक्रमण के चलते बढ़ाए गए लॉकडाउन के बाद उन्हें वहां पर काम मिलने की उम्मीद नहीं थी जिसके बाद वे लोग छत्तीसगढ़ में अपने गांव के लिए रवाना हो गए थे। लगातार चलते चलते आखिर जमालो ने 18 अप्रैल को दम तोड़ दिया।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक दिल दहलाने वाली घटना हुई। 12 साल की मासूम जमालो मदकाम करीब दो महीने पहले ही अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ मिर्ची के खेतों में काम करने तेलंगाना गई थी। अब पूरे देश में लॉकडाउन होने के बाद वह अपने घर लौट रही थी। रविवार को घर लौटने की कोशिश के बीच ही मासूम ने घर से महज 11 किमी पहले दम तोड़ दिया।
जमालो तीन दिन से 13 अन्य लोगों के साथ लगातार पैदल चल रही थी। इनमें तीन बच्चे और आठ महिलाएं भी थीं। इस दौरान इन लोगों ने करीब 100 किमी की यात्रा पैदल की पूरी की, लेकिन जमालो अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकी।
अधिकारियों के अनुसार जमालो की मौत इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस और अत्याधिक थकान के चलते हुई।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अंदोराम और मदकाम की जमालो इकलौती संतान थी। जमालो के परिजन जंगलों के उत्पादों पर जीविका के लिए निर्भर हैं और बड़ी ही मुश्किल से इन लोगों का गुजारा हो पाता है। ऐसा पहली बार हुआ था जब जमालो अपने घर से बाहर निकली हो।
अंदोराम ने बताया कि वो गांव की ही कुछ महिलाओं के साथ इस साल तेलंगाना स्थित मिर्ची के खेतों में काम करने के लिए गई थी। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जमालो के परिजन को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।
अंदोराम ने बताया के उसने जमालो के बारे में आखिरी बार तब सुना था जब उसने अन्य लोगों के साथ तेलंगाना का पेरुरु गांव छोड़ा था। कोरोना संक्रमण के चलते बढ़ाए गए लॉकडाउन के बाद उन्हें वहां पर काम मिलने की उम्मीद नहीं थी जिसके बाद वे लोग छत्तीसगढ़ में अपने गांव के लिए रवाना हो गए थे। लगातार चलते चलते आखिर जमालो ने 18 अप्रैल को दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार जमालो ने 18 अप्रैल की सुबह 8 बजे दम तोड़ा। इस दौरान ये सभी लोग बीजापुर जिले की सीमा पर पहुंच गए थे। लेकिन ये लोग उस समय जमालो के परिजन को नहीं बता सके क्योंकि इनके पास एक ही मोबाइल था और उसकी भी बैट्री खत्म हो गई थी।
बाद में जब ये लोग भांदरपाल गांव पहुंचे तो जमालो के परिजन को इस बारे में सूचित किया गया। इसके बाद भांदरपाल के लोगों ने भी कोरोना संक्रमण की आशंका में पुलिस को फोन किया।
मामले की जानकारी मिलते ही मेडिकल टीम भांदरपाल गांव पहुंची लेकिन इस दौरान उन्हें ये लोग नहीं मिले। बाद में गांव के बाहर इन लोगों को टीम ने रोक लिया। जमालो के शव को अस्पताल भिजवाया गया और बाकि सभी लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया।
रविवार शाम को जमालो के परिजन उसका शव लेने पहुंचे। जमालो की मौत के एक दिन बाद उसकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आई, जो कि नेगेटिव निकली।