मंत्रालय ने नौ जून को जारी आदेश में कहा, ‘मामले की समीक्षा की गई है और यह दोहराने का फैसला किया गया है कि सीजीएचएस के पैनल में शामिल वे सभी अस्पताल, जिन्हें राज्य सरकारों ने कोविड-19 के उपचार के लिए चिह्नित किया है, वे योजना के नियमों के अनुसार सीजीएचसी के लाभार्थियों को कोरोना वायरस संबंधी बीमारियों के लिए उपचार संबंधी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।’
नई दिल्ली : कोरोना वायरस से संक्रमित और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज करने से मना करने वाले सीजीएचएस के पैनल में शामिल अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह चेतावनी जारी की है। केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों ने योजना के तहत पैनल में शामिल निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार में होने वाली दिक्कतों के संबंध में शिकायत की थी। इसके बाद मंत्रालय ने सीजीएचएस लाभार्थियों की शिकायतों की समीक्षा की थी।
शिकायतों की समीक्षा के बाद मंत्रालय ने नौ जून को जारी आदेश में कहा, ‘मामले की समीक्षा की गई है और यह दोहराने का फैसला किया गया है कि सीजीएचएस के पैनल में शामिल वे सभी अस्पताल, जिन्हें राज्य सरकारों ने कोविड-19 के उपचार के लिए चिह्नित किया है, वे योजना के नियमों के अनुसार सीजीएचसी के लाभार्थियों को कोरोना वायरस संबंधी बीमारियों के लिए उपचार संबंधी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।’
मंत्रालय ने कहा, ‘इसी प्रकार, यह फैसला किया गया है कि सीजीएचएस पैनल में शामिल सभी अस्पताल, जिन्हें कोविड-19 के उपचार के लिए अधिसूचित नहीं किया गया है, वे सीजीएचएस लाभार्थियों को उपचार सुविधाएं देने या भर्ती करने से इनकार नहीं करेंगे। सभी अन्य उपचारों के लिए नियमानुसार ही शुल्क वसुलेंगे। दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।’ एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के अब तक करीब 36 लाख लाभार्थी हैं और 12 लाख कार्डधारी हैं।