केंद्र सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन सहित नेहरू-गांधी परिवार से संबंधित तीन ट्रस्ट की जांच के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है।
इन ट्रस्टों पर धनशोधन और विदेशी चंदा सहित विभिन्न कानूनों के उल्लंघन का आरोप है। कांग्रेस ने इसे डराने वाली कार्रवाई बताया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “मिस्टर मोदी को लगता है कि सारी दुनिया उनके जैसी है। वो सोचते हैं कि हर किसी की कोई कीमत होती है या हर किसी को डराया जा सकता है। वो ये कभी नहीं समझेंगे कि जो सच्चाई के लिए लड़ते हैं उनकी कोई कीमत नहीं होती है और उन्हें डराया नहीं जा सकता है।”
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक अंतर-मंत्रालयी टीम का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक विशेष निदेशक करेंगे।
प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), आय कर कानून, विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने के मामलों में जांच में समन्वय के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है।’’
यह फैसला करीब दो हफ्ते बाद लिया गया है जब बीजेपी ने कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से धन प्राप्त हुआ है। यह आरोप लद्दाख में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के बीच गतिरोध के मध्य उठा था।
कुछ साल पहले राजीव गांधी फाउंडेशन के चीनी दूतावास से कोष प्राप्त करने को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया था कि क्या यह भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए पक्ष जुटाने के क्रम में दी गई ‘रिश्वत’ थी।
बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए की गई डिजिटल रैली में यह मुद्दा उठाने के बाद प्रसाद ने विपक्षी पार्टी पर हमला बोला था।
राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में “पूर्व प्रधानमंत्री के आधुनिक, धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के उद्देश्य से की गई थी; एक ऐसा देश जो समानता के लोकतांत्रिक सिद्धांत को प्रतिष्ठापित करता हो और प्रगति एवं समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का मिश्रण हो।”
इस फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। अन्य न्यासियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, भूतपूर्व योजना आयोग के पूर्व उपप्रमुख मोंटेक सिंह आहलुवालिया, सुमन दूबे, अशोक गांगुली और संजीव गोयनका शामिल हैं।
राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) की स्थापना 2002 में की गई थी और इसका लक्ष्य “देश के वंचित खासकर ग्रामीण गरीबों की विकास जरूरतों को’’ तथा उत्तर प्रदेश और हरियाणा में काम को देखना था।
आरजीसीटी के न्यासियों में सोनिया गांधी (प्रमुख), राहुल गांधी, अशोक गांगुली और बंसी मेहता हैं। इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीप जोशी हैं।