मप्र में 20 जुलाई से बुलाए गए विधानसभा के बजट सत्र को सर्वसम्मति से स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सर्वदलीय बैठक में मौजूद थे। कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया। इस पर विचार के लिए विधानसभा में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। अब राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा जाएगा जिसमें लेखानुदान के लिए विशेष अनुमति दिए जाने और विधानसभा सत्र छह महीने के भीतर बुलाए जाने की बाध्यता में छूट के लिए आग्रह किया जाएगा।
सत्र स्थगित करने का फैसला प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिया गया। प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि विधानसभा में 219 सदस्यों के बैठने का पर्याप्त इंतजाम नहीं है।साथ ही सेंट्रल एसी होने के चलते कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। सर्वदलीय बैठक में प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि सदन के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा बहुत जरूरी है। इसलिए मानसून सत्र स्थगित किया जा रहा है। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या राज्य में बढ़ी है। इसलिए शादी-विवाह और त्योहारों को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि कोरोना को लेकर मौजूदा परिस्थितियों में सत्र चलाना उपयुक्त नहीं होगा। इसलिए अध्यक्ष से चर्चा के बाद सत्र स्थगित करने का फैसला किया गया है। बता दें कि विधानसभा का सत्र 20 जुलाई से प्रारंभ होकर पांच दिन तक चलना था। इस दौरान वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट भी पारित कराना था। माना जा रहा है कि अब बजट पारित करने के लिए अन्य संवैधानिक विकल्पों जैसे अध्यादेश के उपयोग पर भी विचार किया जाएगा। मौजूदा कोरोना काल के दौरान लगभग आधा दर्जन विधायक भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। विधानसभा के कुछ कर्मचारी, राज्य सरकार के अधिकारी कर्मचारी और मीडिया से जुड़े लोग भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। – एजेंसी file photo