राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छह जुलाई को निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू समेत छह लोगों के खिलाफ आतंक फैलाने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। दाखिल आरोपपत्र में ओवर ग्राउंड वर्कर इरफान शफी मीर व रफी अहमद राथर, कारोबारी तनवीर अहमद वानी और नवीद बाबू के भाई सैयद इरफान अहमद का नाम भी है।
जम्मू : दविंदर सिंह मामले में कश्मीर के कई इलाकों में एनआईए छापेमारी कर रही है। बता दें कि कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में 11 जनवरी को हिजबुल के कमांडर नवीद बाबू, रफी अहमद राथर, दविंदर सिंह व इरफान शफी मीर उर्फ एडवोकेट को गिरफ्तार किया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छह जुलाई को निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू समेत छह लोगों के खिलाफ आतंक फैलाने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। दाखिल आरोपपत्र में ओवर ग्राउंड वर्कर इरफान शफी मीर व रफी अहमद राथर, कारोबारी तनवीर अहमद वानी और नवीद बाबू के भाई सैयद इरफान अहमद का नाम भी है।
जांच में यह बात भी सामने आई थी कि एडवोकेट ने पाकिस्तान में न केवल हिजबुल के आकाओं से मुलाकात की बल्कि आईएसआई के उमर चीमा, अहसान चौधरी, सोहैल अब्बास व अन्य लोगों से भी मिला। उसे कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए नए हवाला चैनल को शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इतना ही नहीं एडवोकेट दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के चुनिंदा अधिकारियों के भी लगातार संपर्क में था।
जांच में यह भी पता चला कि भगोड़ा नवीद बाबू अनुच्छेद 370 हटने के बाद मजदूरों और ट्रक चालकों की हत्या में शामिल था। वह भोले-भाले युवाओं को हिजबुल में शामिल करता था। वह एलओसी ट्रेडर्स से फंड लेता था। एलओसी ट्रेडर्स एसोसिएशन का पूर्व अध्यक्ष तनवीर अहमद वानी उसे फंड मुहैया कराता था। इसमें पीओके ट्रेड से जुड़े कारोबारियों से मदद ली जाती था। जांच में यह बात भी सामने आई कि सीमा पार से तस्करों तथा दविंदर सिंह से हथियार प्राप्त किए जाते थे। इन हथियारों का बाद में आतंकी घटनाओं में इस्तेमाल किया जाता था।