खंडवा : आप किसी की मौत के बाद शोकसभा में कभी गए होंगे। लेकिन खंडवा में हुई इस शोकसभा का नजारा कुछ अलग हैं। अक्सर लोग किसी की मृत्यु के बाद शोकसभा का आयोजन कर दुःख व्यक्त करते हैं पर यहाँ किसी इंसान के मरने के कारण नहीं बल्कि शहर के रिंगरोड और बायपास के नहीं बनने की वजह से शोका सभा का आयोजन रखा गया था। शोक सभा के बाद एक युवा ने अपना मुंडन भी कराया । बताते चले की इस शोक सभा से पहले खंडवा की आवाज़ संस्था ने राजनेताओं के किए गए वादों की अर्थी भी निकली थी।
खंडवा के नगरनिगम चौराहे पर सफदे कपड़ों में आई लव खंडवा के बोर्ड के निचे बैठे यह लोग शोकसभा कर रहे हैं।इस शोकसभा में दो मिनिट का मौन भी रखा गया और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी गई। यह शोकसभा किसी व्यक्ति के मरजाने पर नहीं हो रही हैं बल्कि यह उन वादों के मरने पर हो रहे हैं। जो खंडवा की जनता से यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने किए थे। इतना ही नहीं यहाँ शोकसभा के बाद एक युवा ने मुंडन तक करा लिया। बतादें कि खंडवा की जनता से 25 साल पहले वादा किया गया था की शहर की यातायात व्यवस्था और बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए रिंग रोड और बायपास बनाया जाएगा। लेकिन इन 25 वर्षों में पांच बार सरकार बानी पर रिंगरोड और बायपास का वादा सिर्फ चुनावी जुमला ही बनकर रह गया। पिछले दिनों खंडवा में एक भयानक सड़क हादसे में हुई मौत के बाद खंडवा के लोग रिंगरोड और बायपास की मांग को लेकर एकबार फिर सड़क पर उतर आए। खंडवा की आवाज़ नाम की संस्था ने पहले तो रिंगरोड और बायपास के राजनैतिक वादे की अर्थी निकली अब इस संस्था का मानना है की जब किसी की मौत के बाद उसकी अर्थी निकल उसका क्रियाक्रम किया जाता है तो इन वादों की मौत के बाद हम भी यहाँ शोकसभा का आयोजन कर रहे हैं ताकि राजनेताओं को शर्म महसूस हो और वह अपना वादा निभाए।
खंडवा की आवाज़ संस्था ने जब यह शोकसभा राखी तो खंडवा के एक युवा ने नेताओं को नींद से जगाने के लिए अपना मुंडन तक करा लिया। मुंडन करने वाले दीपक उर्फ़ मुल्लू राठौर का कहना हैं कि खंडवा के जनप्रतिनिधियों को जाग्रत करने के लिए वह मुंडन करा रहे हैं। अगर फिर भी राजनेता नहीं जागे तो मरणोपरांत होने वाला तेरवी का आयोजन किया जाएगा।