नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों के शांतिपूर्ण आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ की करीब 250 कंपनियों ने पांच राज्यों में जाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार के आदेश पर 45 कंपनियां तमिलनाडु में, 40 असम में, 10 पुडुचेरी में, 125 पश्चिम बंगाल में और 30 कंपनियां केरल में तैनात की जाएंगी।
केंद्रीय सुरक्षा बलों की कम से कम 125 कंपनियां पश्चिम बंगाल में 25 फरवरी तक पहुंचेंगी। वहीं, आज राज्य में सुरक्षा बलों की 20 कंपनियां पहुंच भी गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चुनाव प्रचार के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए इन सैनिकों को चुनाव के लिए बंगाल भेजने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव इस साल अप्रैल से मई में होने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। पिछले कुछ महीनों में दोनों सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि उनके कार्यकर्ता चुनाव संबंधी हिंसा में मारे गए थे।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय सुरक्षा बल लोगों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए उनके आगमन के तुरंत बाद विभिन्न क्षेत्रों में रूट मार्च शुरू करना चाहते हैं। मिली जानकारी के अनुसार, CISF, ITBP, SSB, BSF और CRPF सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की कुल 125 कंपनियां पश्चिम बंगाल भेजी जाएंगी।
सूत्रों ने कहा कि इसमें सीआरपीएफ की 60 कंपनियां शामिल हैं जिन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से कोरोना के दिशानिर्देशों के अनुपालन में केंद्रीय बलों के आवास सहित सभी व्यवस्थाएं करने का अनुरोध किया है।