भोपाल: बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान मंदसौर और नीमच में ट्रांसपोर्टर द्वारा गेहूं तथा खाद को सोसाइटी तक पहुंचाने में हेराफेरी का मामला उठा। मामला मंदसौर से बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि वेयरहाउस में चौकीदार का बेटा ही ठेकेदार है जिसने यह हेराफेरी की है। इसका जवाब देते हुए प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि इस मामले में चौकीदार की संलिप्तता भी सामने आई है। ट्रांसपोर्टर और चौकीदार ने मिलकर 4 करोड़ 63 लाख की हेराफेरी की है।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ FIR कराई जाएगी। को ऑपरेटिव सोसायटी को इस संबंध में सहकारिता आयुक्त ने FIR करने के लिए 15 फरवरी को एक पत्र भेज दिया है। मंत्री भदौरिया ने बताया कि आरोपियों से वसूली की कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। इनके खिलाफ संपत्ति कुर्क करने की भी जानकारी की जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर एक जांच दल गठित किया जाएगा। यदि सोसायटी के महाप्रबंधक इसमें शामिल पाए जाते हैं तो उनको हटाकर 3 माह में जांच की जाएगी।
ग्वालियर में अवैध खनन का मामला उठा
कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव ने ग्वालियर के लोहानी गांव में अवैध खदान का मामला सदन में उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह खदान स्वीकृत नहीं है बावजूद इसके माफिया रेत निकाल रहे हैं। इसकी जानकारी कलेक्टर को 15 बार फोन पर दी बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके जवाब में खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अभी तक जो कार्रवाई की गई है उसमें 8 प्रकरण दर्ज किए गए हैं और 4 पोकलेन जब्त की गई है। इस पर लाखन सिंह यादव ने कहा कि वसई में स्वीकृत रेत खदान में रेत नहीं है। उसकी आड़ में आसपास के गांव से रेत निकाली जा रही है। इसको लेकर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।
पानी में खराब हो गया 4 हजार टन गेहूं
विदिशा से कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने आरोप लगाया कि खुले में पड़ा 4 हजार टन गेहूं पानी में खराब हो गया। इसके लिए कौन दोषी है और इसकी भरपाई कैसे की जाएगी? इसका जवाब देते हुए खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि सरकार ने पूरा गेहूं खरीद लिया है।
पूर्व विधायक जितेंद्र डागा के अवैध निर्माण हटाए जाने का मामला विधानसभा में उठा
पूर्व मंत्री pc शर्मा ने पूर्व विधायक जितेंद्र डागा के अवैध निर्माण को तोड़े जाने का मामला विधानसभा में उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है और कांग्रेस के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने कोई टिप्पणी नहीं की। इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जितेंद्र डागा के यहां चले गए लेकिन उनको सीधी बस हादसे में मृतकों के परिवार वालों से मिलने की फुर्सत नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पीसी शर्मा जब होशंगाबाद के प्रभारी मंत्री थे तब नर्मदा के घाटों में अवैध रेत उत्खनन जोरों पर हुआ। कोरोना संक्रमण को लेकर सारंग ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है। सरकार ने फैसला किया है कि लॉकडाउन नहीं होगा।
प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण के बाद शाम करीब 5 बजे तक का समय इसके लिए आरक्षित किया गया है। इससे पहले सरकार 7 विधेयक भी सदन पटल पर पुनर्स्थापित करेगी। कार्यसूची के मुताबिक उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव मप्र भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय संशोधन विधयेक, डाॅ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक और मप्र निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक पुनर्स्थापित करेंगे।
इसी तरह, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया मप्र लोक सेवाओं के प्रदाय गारंटी (संशोधन) विधेयक, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट मप्र सिंचाई प्रबंधन में किसानों की भागीदारी (संशोधन) विधयेक और विधि एवं विधायी कार्य मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा मप्र सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक सदन पटल पर पुनर्स्थापित करेंगे। इन विधेयकों पर सदन में चर्चा होगी। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम तारीख तय करेंगे।