देशभर में चल रहे टीकाकरण अभियान के बावजूद कोरोना का संक्रमण बड़ी ही तेजी से फैल रहा है। प्रतिदिन नए कोरोना मरीजों और संक्रमण से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बीते 24 घंटों में देश में दो लाख 73 हजार से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं और इस दौरान 1600 से अधिक लोगों की मौत भी हो गई है। कोरोना की ये दूसरी लहर बेहद ही खतरनाक मानी जा रही है, क्योंकि इस बार बच्चों में भी संक्रमण देखने को मिल रहा है और कुछ-कुछ लक्षण भी नजर आ रहे हैं।
संक्रमण से कैसे बचाया जा सकता है?
बच्चों को संक्रमण से कैसे बचा सकते हैं?
दिल्ली स्थित एम्स के डॉ. राकेश गर्ग कहते हैं, ‘कोरोना का इस वक्त प्रभाव बच्चों पर भी काफी देखा जा रहा है, इसलिए जो बड़ों के लिए एहतियात बताया जा रहा है, वहीं बच्चों के लिए भी है। उन्हें भी घर से बाहर न जाने दें और मास्क लगाने की आदत डलवाएं। जहां तक लक्षण की बात है तो बच्चों में लक्षण काफी कम नजर आते हैं, उनमें बुखार या बच्चे सुस्त हो जाएंगे, कई बच्चों में डायरिया की समस्या भी हो सकती है।’
अमेरिका में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है कि सरफेस (सतह) से कोरोना का संक्रमण नहीं होता, इस पर क्या कहेंगे?
डॉ. राकेश गर्ग कहते हैं, ‘अगर कोविड के इलाज और पहचान की बात करें तो काफी कुछ बदलाव आया है। कई दवाइयों और टेस्ट के बाद पता चला है कि इसका इस तरह से इलाज होगा। उसी तरह, जहां तक सरफेस (सतह) की बात या फैलने के तरीके की बात है तो किसी भी व्यक्ति के खांसने या छींकने से वायरस सामने वाले के ऊपर जा सकता है। अगर वायरस सरफेस (सतह) पर है तो कुछ समय तक जिंदा रहता है और वहां लोगों का हाथ पड़ा तो संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए मास्क लगा कर रखेंगे तो छींक या खांसी भी बाहर या सरफेस (सतह) पर नहीं जाएगी। इसीलिए बाहर बेवजह न जाएं।’
लैसेंट जर्नल में रिपोर्ट आई है कि वायरस का ट्रांसमिशन (प्रसार) हवा के जरिये होता है, इसे कैसे देखते हैं?
डॉ. राकेश गर्ग कहते हैं, ‘जी, इसलिए तो हम काफी पहले से दो गज की दूरी रखने को कहते हैं, क्योंकि अगर एक संक्रमित व्यक्ति तेज से सांस लेता है, खांसता या छींकता है तो वायरस का उसके मुंह से बाहर निकल कर हवा के जरिये ट्रांसमिशन (प्रसार) हो सकता है। अगर हवा नहीं है तो वो नीचे सरफेस (सतह) पर गिर जाएंगे और कुछ देर बाद वो नष्ट हो जाते हैं। लेकिन इससे बचने का एक ही उपाय है मास्क, हैंड सैनिटाइजर और सुरक्षित शारीरिक दूरी)।’
देश में बढ़ते कोविड केस के दौर में लोगों को क्या सलाह है?
डॉ. राकेश गर्ग कहते हैं, ‘इस समय जिस तरह से कोविड बढ़ रहा है, ऐसे में अपने लक्षण को लेकर बहुत ज्यादा सतर्क रहना है। जुकाम, बुखार, खराश हो तो उसे हल्के में न लें बल्कि कोविड का टेस्ट करा लें। इससे पता चल जाएगा कि कोविड है या नहीं। इससे अगर समस्या बढ़ती है तो तुरंत एक्शन लेने में मदद होगा। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना है कि अगर शुरुआती लक्षण में ही टेस्ट कराएंगे तो कई बार वायरस पकड़ में नहीं आता है, जबकि कुछ दिन बाद पॉजिटिव आ जाते हैं। ऐसे में अगर लक्षण होते हुए भी पॉजिटिव नहीं हैं तो कोविड के अनुसार अपने लक्षणों पर ध्यान देते रहें।’