अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सावरकर की कई मांगें जायज थी लेकिन उनकी विचारधारा से लोगों को आपत्ति थी।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को सावरकर को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद से उनकी पार्टी में ही असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।
दरअसल डोटासरा ने कहा कि इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि दिवंगत हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया था। डोटासरा ने आगे कहा कि सावरकर देश की खातिर जेल भी गए।
उन्होंने कहा कि सावरकर जी ने हिंदू राष्ट्र की मांग कर कोई गुनाह नहीं किया बल्कि उनकी यह मांग जायज थी।
अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सावरकर की कई मांगें जायज थी लेकिन उनकी विचारधारा से लोगों को आपत्ति थी।
डोटासरा ने कहा कि हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि सावरकर ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं निभाई। वह हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करते थे, जो गलत नहीं है क्योंकि उस समय हमारा देश स्वतंत्र नहीं था और हमारा संविधान नहीं बना था। लेकिन जब हमारा संविधान बनाया गया और आजादी के बाद हमारे देश में सभी धर्मों को स्वीकार किया गया फिर उनकी विचारधारा का इस्तेमाल भाजपा और आरएसएस ने भाइयों के बीच वैमनस्य पैदा करने की साजिश रचने के लिए किया और हम इसके खिलाफ हैं।
बता दें कि 1883 में महाराष्ट्र में जन्मे सावरकर को एक नायक के रूप में देखा जाता है, खासकर उन पार्टियों और संगठनों के लिए जो हिंदुत्व के विचारों की सदस्यता लेते हैं। सावरकर को ‘हिंदुत्व दर्शन का जनक’ भी माना जाता है।
डोटासरा के बयान पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री यूनुस खान और विधायक अशोक लाहोटी ने डोटासारा के इस बयान पर कहा कि आखिरकार कांग्रेस नेताओं की जुबान पर सच आ ही गया। उन्होंने कहा कि सावरकर हमारे मार्गदर्शक थे, हैं और रहेंगे।