28.1 C
Indore
Friday, December 20, 2024

पारदर्शी हो टोल वसूली

केवल तीन दशक पहले की देश की सड़कों यहाँ तक कि राष्ट्रीय राजमार्गों तक की स्थिति को यदि हम याद करें तो हमें जगह जगह सड़कों में पड़े गड्ढे, उन सड़कों में बरसातों में कीचड़ पानी आदि दिखाई देता है। चौड़ी,काली, चमचमाती हुई चार व छः लेन की सड़कें तो केवल फ़िल्मों में ही नज़र आती थीं। वह भी विदेशों में की गयी शूटिंग में। तीन दशक पूर्व तक जगह जगह दुर्घटनाओं के मंज़र दिखाई देते थे। ज़ाहिर है लगभग दो सौ वर्ष तक अंग्रेज़ों द्वारा जी भर कर लूटा गया भारतवर्, आज़ादी के बाद आर्थिक व तकनीकी रूप से कमज़ोर था और धीरे धीरे आत्मनिर्भर हो रहा था। दुर्भाग्यवश भारत को चीन व पाकिस्तान जैसे पड़ोसी मिले जिन्हें भारत की प्रगति व आत्मनिर्भरता रास नहीं आती थी। लिहाज़ा आज़ादी के मात्र तीन दशक के भीतर ही भारत को अपने इन्हीं पड़ोसियों से युद्ध का सामना भी करना पड़ा। ऐसे में देश के विकास के आधारभूत ढांचे पर इसका प्रभाव पड़ना ही था।

बहरहाल तीन दशक पूर्व जब वैश्वीकरण का दौर शुरू हुआ,पूरी दुनिया ने एक दूसरे से सहयोग व एक दूसरे की बाज़ार व्यवस्था का हिस्सा बनना शुरू किया तभी भारत सहित कई विकासशील देशों में भी परिवर्तन का दौर आना शुरू हुआ। अब वह दौर समाप्त हो गया कि यदि किसी देश के पास पैसे नहीं तो वह सड़कें नहीं बना सकता। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रगतिशील व जनहितकारी नीतियां व योजनायें बनीं। इन्हीं में सड़क निर्माण से जुड़ी एक नीति थी BOT अर्थात Built -operate and transfer . इस नीति के तहत देश की हज़ारों सड़कें,राष्ट्रीय राजमार्ग बड़े बड़े पुल व फ़्लाई ओवर बनाये गये और अभी भी बनाये जा रहे हैं। इसमें कोई निर्माण कंपनी सरकारी स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा के बाद किसी सड़क अथवा अन्य निर्माण परियोजना का टेंडर प्राप्त करती है। उसके बाद वह कंपनी निर्माण परियोजना को पूरा (Built ) कर किसी दूसरी मार्ग संचालन कंपनी के हवाले कर देती है। वह कंपनी उस परियोजना को संचालित (Operate) कर उसपर आये ख़र्च की ब्याज व मुनाफ़ा सहित वसूली आम लोगों से टोल टैक्स के रूप में करती है। और जब वह कंपनी अपनी वसूली पूरी कर लेती है तब वह परियोजना सरकार को हस्तांतरित (Transfer) कर देती है। इसी व्यवस्था के तहत देश के अनेक एक्सप्रेस वे के निर्माण भी किये गये हैं। इनपर एक स्थान से दूसरे स्थान तक अथवा किलोमीटर के हिसाब से वाहन चालकों से वसूली की जाती है।

टोल वसूली की व्यवस्था को देरी मुक्त करने के उद्देश्य से अति आधुनिक Fastag व्यवस्था भी पिछले कुछ वर्षों से शुरू की जा चुकी है। कहीं कहीं तो फ़ास्ट टैग न होने पर वाहनों से दोगुना शुल्क वसूला जाता है। परन्तु इस टोल वसूली के तौर तरीक़ों तथा टोल शुल्क की क़ीमतों को लेकर वाहन चालकों में एक संदेह की स्थिति हमेशा बनी रहती है। किसी टोल पर कुछ शुल्क वसूला जाता है तो किसी पर कुछ । कोई टोल किसी पुरानी जगह से हटाकर किसी दूसरी नई जगह पर लगा दिया जाता है तो कभी किसी टोल का शुल्क अचानक बढ़ा दिया जाता है। टोल वसूली की पूरी व्यवस्था कंप्यूटरीकृत होने के कारण ज़ाहिर है परियोजना संचालित करने वाली कंपनी को इस बात की पल पल जानकारी मिलती है कि कब किस क्षण किस टोल प्लाज़ा पर कितने पैसों की वसूली की जा चुकी है। परन्तु टोल का भुगतान करने वाले करोड़ों लोगों को इस बात की क़तई जानकारी नहीं हो पाती कि किस टोल बैरियर पर कुल कितनी वसूली की जानी है,कितनी वसूली की जा चुकी है और अब कितनी वसूली बक़ाया है।

पिछले दिनों चले किसान आंदोलन में एक वर्ष तक देश के सैकड़ों टोल किसानों ने निः शुल्क करवा दिये थे। इस दौरान टोल वसूली के पक्षधरों द्वारा कई बार टोल वसूली रुकने पर चिंता भी जताई गयी। बार बार यह बताने का प्रयास किया गया कि टोल वसूली स्थगित होने की वजह से कितना नुक़सान हो रहा है। परन्तु टोल वसूली को लेकर जनता के मन में जो चिंता,सवाल,शंकायें हैं उनपर सरकार का ध्यान कभी नहीं गया। किसान आंदोलन के दौरान ही संसद में स्वयं प्रधानमंत्री ने किसानों की मांगों पर नहीं टोल वसूली बाधित होने व मोबाईल टावर्स को कथित तौर पर नुक़सान पहुंचाये जाने पर चिंता ज़ाहिर की थी। गोया हमारे राजनेता कॉर्पोरेट्स के हितों के लिये तो चिंतित हैं ,उनको हो रहे किसी भी नुक़सान की तो उन्हें चिंता है,परन्तु ये उस आम जनता के हितों के लिये फ़िक्रमंद नहीं जिसने अपना क़ीमती वोट देकर जनहितकारी उद्देश्यों को पूरा करने के मक़सद से इन्हें सत्ता के शिखर पर बिठाया है ?

आधुनिक तकनीक व वसूली के कंप्यूटरीकृत तरीक़े के चलते आज यह पूरी तरह संभव है कि प्रत्येक टोल की शुल्क वसूली को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाये। प्रत्येक टोल पर बड़े स्क्रीन लगाये जाने चाहिये और उन्हें टोल वसूली कंप्यूटर्स से जोड़ देना चाहिये। इसके स्क्रीन पर इस बात की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिये कि अमुक टोल वसूली वाली परियोजना की लागत क्या है? इस टोल पर कुल कितनी रक़म वसूल की जानी है। अब तक कितनी वसूली की जा चुकी है और अब कितनी वसूली बक़ाया है। टोल वसूली का स्क्रीन डिस्प्ले का यह पारदर्शी तरीक़ा जहां आम लोगों में सरकार व टोल वसूली कंपनियों के प्रति विश्वास पैदा करेगा वहीं जनता को यह विश्वास भी हो सकेगा कि टोल प्लाज़ा पर उन्हें लूटा व ठगा नहीं जा रहा है। जब तक टोल वसूली व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी नहीं होगी तब तक आम लोगों में इस बात का संदेह बना रहेगा कि टोल के नाम पर उन्हें ठगा व लूटा जा रहा है और सरकार व टोल वसूली करने वाली कंपनियों के बीच कोई न कोई साठगांठ ज़रूर है।

:-निर्मल रानी

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...