मुंबई : महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार पर गहराए राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर बागी विधायक वापस आते हैं और वे चाहते हैं तो हम महाविकास अघाड़ी से बाहर आने के लिए तैयार हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने आगे कहा कि विधायकों को गुवाहाटी से संवाद नहीं करना चाहिए, वे वापस मुंबई आएं और सीएम से इस सब पर चर्चा करें। हम सभी विधायकों की इच्छा होने पर महाविकास अघाड़ी सरकार से बाहर निकलने पर विचार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यहां आकर सीएम से चर्चा करनी होगी।
उन्होंने दावा किया कि गुवाहाटी में मौजूद 21 विधायक हमारे संपर्क में हैं। जब वे वापस लौटेंगे तो वे पार्टी के साथ होंगें। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत जल्द सीएम उद्धव ठाकरे वापस वर्षा जाएंगे।
इससे पहले बागी नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को सीएम ठाकरे को संबोधित एक पत्र ट्वीट किया था। साथ ही उन्होंने लिखा था कि ये विधायकों की भावना है। इसमें विधायकों ने उन पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। फिर चाहे सीएम का अपनी ही पार्टी के विधायकों से मुलाकात न करने का मुद्दा हो या उन्हें अयोध्या जाने से रोकने का। एकनाथ शिंदे की ओर से ट्विटर पर साझा की गई चिट्ठी में ऐसे कई बड़े आरोप हैं। जो चिट्ठी सामने आई है, उसमें शिवसेना विधायकों ने उद्धव पर कांग्रेस और राकांपा के नेताओं को अपने विधायकों पर तरजीह देने की शिकायत भी की है।
विधायकों की चिट्ठी में क्या कहा गया?
शिंदे की ओर से साझा इस चिट्ठी के नीचे औरंगाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक संजय शिरसाट का नाम लिखा है। यानी सभी विधायकों की ओर से इस चिट्ठी के लेखन का काम शिरसाट ने ही किया है। इसमें उद्धव ठाकरे के बुधवार रात मुख्यमंत्री आवास खाली करने के बाद हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा गया- “कल वर्षा बंगले के दरवाजे सही मायने में सर्वसामान्य के लिए खुले। बंगले पर जो भीड़ हुई, उसे देखकर दिल खुश हो गया। यह दरवाजे पिछले डेढ़ साल से शिवसेना के विधायक यानी हमारे लिए भी बंद थे। विधायक के तौर पर उस बंगले में प्रवेश करने के लिए हमें आपके आजू-बाजू में रहने वाले (आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल) लोगों की मनुहार करनी पड़ती थी, जो कभी चुनाव लड़कर चुनकर नहीं आए बल्कि विधानपरिषद और राज्यसभा में हमारे जैसे लोगों के कंधे पर चढ़कर पहुंचे हैं।”
पत्र में कहा गया, “ये ही तथाकथित (चाणक्य क्लर्क) ** हमें दरकिनार कर राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों की रणनीति बना रहे थे। उसका नतीजा क्या हुआ, यह पूरे महाराष्ट्र ने देखा है। शिवसेना का मुख्यमंत्री होते हुए भी उनकी ही पार्टी के विधायक होते हुए भी हमें कभी भी वर्षा बंगले में सीधे प्रवेश नहीं मिला। मंत्रालय की छठी मंजिल पर मुख्यमंत्री सबसे मिलते हैं, पर हमारे लिए तो छठी मंजिल का सवाल ही नहीं आया क्योंकि आप कभी मंत्रालय में गए ही नहीं।”
इस बीच शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल ने कहा कि मुझे बहाने से सूरत ले गए लेकिन जब साजिश का पता चला तो मैं एक किलोमीटर चलकर वहां से गाड़ी पकड़कर आया। हम शिवसेना को नहीं छोड़ेंगे जिसने हमें विधायक बनाया है।
वहीं, दूसरी ओर गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल का एक ताजा विडियो सामने आया है। इसमें एकनाथ शिंदे सहित महाराष्ट्र के 42 बागी विधायक एक साथ बैठे दिखाई दिए। वीडियो में बागी विधायक “शिंदे साहब तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं” के नारे लगा रहे हैं। इन विधायकों में 35 विधायक शिवसेना के हैं तो सात विधायक निर्दलीय हैं।