खंडवा : मध्यप्रदेश के खंडवा में दान में मिला गौवंश ले जा रहे आदिवासियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया हैं। मामला खंडवा के कोतवाली थाने में आने वाले ग्राम जमली का बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार बुरहानपुर जिले के नेपानगर थाना क्षेत्र के ग्राम दही नाला में रहने वाले हैंकुछ आदिवासी खंडवा से दान में मिली करीब 9 गाय लेकर अपने घर दही नाला जा रहे थे रस्ते में रात होने से वह अपने किसी रिश्तेदार के यह रुक गए इसी बीच गांव के गोरक्षकों को किसी ने खबर दे दी। गौरक्षक आदिवासी परिवार के घर गए और वहां गौवंश को लेजाने वाले लोगों पर हमला कर दिया। सुबह पीड़ित आदिवासी कोतवाली थाने में एफआईआर कराने पहुंचे। पुलिस का कहना हैं की मामले में हाथापाई हुई थी लेकिन थाने पर दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद इस मामले में एफआईआर नहीं हो पाई।
खंडवा के ग्राम जमली में किसान से दान में मिली 9 गायों को पालने के लिए अपने साथ ले जा रहे आदिवासी परिवार की महिला और बुजुर्ग व्यक्तियों को दबंगो ने बेहरमी पीटा। पीड़ित आदिवासी काशीराम का कहना है कि उन्हें इस लिए मारा गया क्योंकि गौरक्षक समझ रहे थे की हम यह गाय काटने के लिए ले जा रहे हैं। पीड़ित आदिवासी ने बताया कि उन्होंने तीन गाय खंडवा के टाकली गांव से तीन गाय खापरी गांव और तीन गाय और तीन गाय जमली से ली ऐसी 9 गाय लेकर वह वह अपने घर बुरहानपुर जिले के ग्राम दही नाला जा रहे थे। रस्ते में रात होने से वह अपने रिश्तेदार के घर जमली में ही रुक गए। लेकिन रात में जमली गांव के कुछ लोग लगभग 1 बजे रात को आए और हमारे साथ मारपीट करने लगे। उनका मानना था की हम गौवंश को काटने के लिए लेजा रहे है जबकि हमने उन्हें बता दिया की यह गाय हमें पलने के लिए दान में मिली हैं। हमारे दो साथियों को नाले में लेजा कर मारा और मुझे भी हाथ पीछे बांध कर मारा गया।
वहीं एक अन्य पीड़ित राम प्रसाद ने बताया की हमें किसानों ने 9 गाय दान में दी थी जिन्हें लेकर हम अपने घर जा रहे थे। रस्ते एम् हम हमारे भतीजे के पास रुके। हम खाना खा कर जब सो रहे थे तभी गांव के कुछ लोग आए और हमें मरने लगे। जब हमने उनसे पूछा की क्यों मार रहे है तो उन्होंने कहा की हम गाय लेकर जा रहे है इसलिए हमें मार रहे हैं। हमने उनसे बताया भी की यह गाय हमें धर्म में (दान में) मिली हैं लेकिन वह हमें मारते रहे। हमने उन्हें यह भी कहा कि जिन्होंने हमें यह गाय दान करी है हम उनसे भी पुछवा देंगे। लेकिन वह मारते रहे। मुझे लात घुसो से और मेरे साले को लकड़ी से पटक पटक के मारा।
पीड़ित सुबह से लेकर शाम तक एफआईआर कराने कोतवाली थाने में बैठे रहे। अंत में दोनों पक्षों में समझौता होने से इस मामले में एफआईआर नहीं हो सकी। कोतवाली थाने के थाना प्रभारी बी एल अटोदे ने बताया कि ग्राम जमली से कल रात एक मामला सामने आया था उसमे पुलिस अधिकारी भेज कर उस मामले की तस्दीक की थी। यह मामला गौवंश का न पाकर मामला गौ दान का पाया गया था। एक ग़लतफ़हमी होने से दो पक्षों में हाथापाई हुई थी। सुबह आपस में उनका सुलह समझौता हो गया।