Parliament Winter Session: बुधवार, 7 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरु हो रहा है। इस दौरान सरकार एक दर्जन से ज्यादा विधेयक पारित कराने और अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने की कोशिश करेगी। वहीं विपक्षी दल महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और केंद्र राज्य संबंध जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वैसे सत्र के दूसरे ही दिन यानी आठ दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) के नतीजे भी आएंगे। संसद में इसका असर भी देखने को मिलेगा। इससे पहले सरकार ने साफ कहा है कि सत्ता पक्ष सदन में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। वहीं लोकसभा सचिवालय के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की सुबह संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मीडिया से बातचीत कर सकते हैं।
संसद सत्र से पहले सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रमुक (DMK), BJD, AAP सहित 31 दलों के सदन के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सदन के सुचारू कामकाज संचालित होने के लिए सभी दलों का सहयोग मांगा।
विपक्ष का एजेंडा
सदन के पटल की रणनीति तय करने के लिए राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर समान विचारधारा वाले विपक्षी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है। वैसे, राहुल गांधी और कांग्रेस के कई नेता ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) में शामिल हैं, ऐसे में उनके सत्र में हिस्सा लेने की संभावना नहीं दिखाई देती है। लेकिन फिर भी संसद के हंगामेदार रहने के आसार हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने साफ कहा कि देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और सिर्फ चर्चा करना चाहता है।
सरकार का एजेंडा
बहरहाल, सरकार की योजना सात दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में 16 नए विधेयक पेश करने की है, जिनमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं। आगामी सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक, बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 और छावनी विधेयक, 2022 पेश किए जाने की संभावना है। इस दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की लिस्ट में पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक आदि भी शामिल हैं।