नई दिल्ली: पॉलिटिकल स्ट्रैटिजिस्ट प्रशांत किशोर ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की ओर से असम के लिए जारी फाइनल लिस्ट पर सवाल खड़े किए हैं। किशोर ने आरोप लगाया है कि इसके चलते लाखों लोग अपने ही देश में विदेशी बन गए हैं। उन्होंने कहा है कि एनआरसी के कारण आज लाखों लोगों के सामने बहुत गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए काम कर रहे प्रशांत किशोर ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एनआरसी को बिना रणनीतिक और व्यवस्थागत चुनौतियों पर गौर फरमाए ही जारी कर दिया गया है, जिससे लाखों लोगों के सामने बहुत गंभीर संकट पैदा हो गया है।
A botched up NRC leaves lakhs of people as foreigners in their own country!
Such is the price people pay when political posturing & rhetoric is misunderstood as solution for complex issues related to national security without paying attention to strategic & systemic challenges.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) September 1, 2019
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है, ‘एक आधे-अधूरे एनआरसी ने लाखों लोगों को अपने ही देश में विदेशी बना दिया है। जब रणनीतिक और व्यवस्थागत चुनौतियों पर ध्यान दिए बिना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े उलझे हुए मसलों का समाधान राजनीतिक पक्ष और बातों को गलत तरीके से समझकर किया जाता है, तब लोगों को ऐसी ही कीमत चुनानी पड़ती है।’
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) ने शनिवार को अपनी अंतिम सूची जारी की है। इस सूची को लेकर भाजपा और राज्य सरकार भी नाखुश नजर आ रही है। क्योंकि, असम में बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा और राज्य सरकार अब सीमावर्ती जिलों में एनआरसी के पुन: सत्यापन के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची जो शनिवार को जारी की गई, उसमें 9 लाख से ज्यादा लोगों को निकाल दिया गया है। जबकि, गृहमंत्रालय की ओर से जारी इस लिस्ट में 3 करोड़ लोगों का नाम शामिल किया गया है। फाइनल लिस्ट आने के बाद राज्य के अंदर काफी तनाव और डर का माहौल है।