मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ तो राज्य के कृषि मंत्री लगातार कृषि कर्मठ अवार्ड से नवाजे जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सूबे के किसान लगातार कर्ज के बोझ से आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
ताजा मामला सिवनी का है, जहां रविवार को फिर एक किसान ने कर्ज के बोझ से आत्महत्या करने की कोशिश की।
दरअसल, सिवनी मुख्यालय से सटे गांव भंडारपुर के रहने वाले किसान संतकुमार ने इस बार चने की खेती की थी, जिससे उसने 115 क्विंटल चने निकाले थे और उसने उस फसल को 4 महीने पहले क्षेत्र की लूघरवाड़ा सरकारी सोसायटी में बेच दी। लेकिन उसका भुगतान उसे अभी तक नहीं मिला है।
जब संतकुमार ने इस बात का स्पष्टीकरण मांगा तो उसे बताया गया कि अभी पोर्टल नहीं खुला है। लगातार कोशिशें करने के बाद भी उसकी भुगतान की समस्या का समाधान न हो सका।
इसके बाद उसने अन्य क्षेत्र के किसानों के साथ मिलकर अपनी समस्या से सूबे के निजाम को भी अवगत कराया, लेकिन फिर भी कोई समाधान न निकल सका।
इससे परेशान होकर उसने जहर पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। फिलहाल वो सिवनी के जिला चिकित्सालय में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
अन्य किसानों ने बताया कि संतकुमार कर्ज के बोझ से दबा हुआ था। लगातार कोशिशों के बावजूद भी सोसाइटी ने उसकी फसल का पैसा नहीं दिया।
तेज बारिश से उसकी फसल भी रखे-रखे खराब हो गई, जिसके बाद सोसाइटी अब उसे वापस कर रही थी। इससे वो बहुत परेशान था, जिसके बाद उसने आत्महत्या करने की कोशिश की।
किसान संतकुमार के पास से एक खून से लिखा पत्र भी मिला है, जिसमें उसने अपनी आप बीती लिखी है और अपनी मौत का जिम्मेदार जिले के अधिकारियों को बताया है।
कांग्रेस ने इस मामले को प्रदेश स्तर पर उठाने की बात कही है और घटना की निंदा करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।