नई दिल्ली – दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी अब अगले पांच वर्षों में कम से कम चार महत्वपूर्ण राज्यों में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है हालांकि वह किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ कोई ‘सहूलियत पर आधारित समझौता’ नहीं करेगी।
पार्टी के रणनीतिकार और विचारक योगेन्द्र यादव ने कहा कि दीर्घावधि में ‘आप’ राष्ट्रीय राजनीति में सैद्धांतिक ताकत के रूप में उभरना चाहती है और पार्टी इस संबंध में मध्यावधि एवं दीर्घावधि लक्ष्य बनाने पर काम कर रही है।
योगेन्द्र ने कहा, ‘हम क्षेत्रीय दल नहीं हैं। दीर्घावधि में हम राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं। इसलिए हमने सोच समझकर दिल्ली को चुना। हम राष्ट्रीय राजनीति में सैद्धांतिक ताकत के रूप में उभरना चाहते हैं। अगले 3 से 5 वर्षों में हम दिल्ली और पंजाब के अलावा अधिक राज्यों में व्यवहार्य बनना चाहते हैं।’ तीसरा मोर्चा जैसे गठबंधनों को सुविधा की व्यवस्था करार देते हुए उन्होंने कहा कि आप ऐसे किसी समूह में शामिल नहीं होगी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और जदयू जैसे दलों के साथ कोई सहमति बनाने से भी इंकार किया जिन्होंने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था।
योगेन्द्र यादव ने कहा, ‘उन्होंने राजनीतिक समर्थन नहीं मांगा था और यहां तक कि हमने भी उन्हें राजनीतिक समर्थन नहीं दिया। यह उनकी अपनी ताकत एवं कमजोरी के आधार पर व्यक्त की गई भावना थी। वह इस बात को नहीं समझते कि हम राजनीतिक प्रतिष्ठान विरोधी हैं।’
जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक योगेन्द्र ने कहा कि आप का लक्ष्य प्रत्येक राज्य में 20 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी हासिल करना है जहां पार्टी मध्यावधि विस्तार पहल के तहत व्यवहार्य विकल्प बनना चाहती है। आप नेता ने हालांकि उन राज्यों का नाम बताने से इंकार किया जहां आप अपना विस्तार करना चाहती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इनका चयन संगठनात्मक ताकत और अवसर की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या आप इस वषर्, बाद में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी, उन्होंने सीधे कुछ भी कहने से मना किया। गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में आप को चार सीटें मिली थीं और पार्टी ने वहां 2017 में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
दिल्ली में पार्टी की जबर्दस्त जीत पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि ऐसी जीत ने अरविंद केजरीवाल नीत सरकार पर जबर्दस्त दबाव डालने का काम भी किया है और उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। एजेंसी -भाषा