नई दिल्ली – इन दिनों भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी का एक विज्ञापन टेलीविजन चैनलों पर दिखाया जा रहा है। भाजपा ने इस विज्ञापन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करार देते हुए धमकी दी है कि अगर इसे तुरंत नहीं हटाया गया तो वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा नहीं दिखाया जा रहा रहा है, लेकिन बार-बार उनका नाम लेकर उन्हें ‘गरीबों का मसीहा’ बताया जा रहा है जबकि अन्य दल के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, मीडिया को खलनायक की तरह पेश किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का घोर ‘उल्लंघन’ है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने हाल में टेलीविजन चैनलों पर विज्ञापन देकर बताया है कि कैसे उसने दिल्ली में प्रशासन में सुधार किया है. इस विज्ञापन में एक महिला भगवान से मुख्यमंत्री केजरीवाल को बचाने की दुआ मांग रही है और बिजली कटौती न होने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद कर रही है. वहीं इस विज्ञापन को लेकर कांग्रेस ने सीधे-सीधे केजरीवाल पर जनता के पैसे का दुरुपयोग का आरोप लगाया है. साथ ही पूछा है कि सरकार ने इस विज्ञापन के लिए कितना पैसा खर्च किया है।
यही नहीं केजरीवाल के पूर्व सहयोगी प्रशांत भूषण ने भी विज्ञापन पर खर्च किए गए फंड को सार्वजनिक करने को कहा है. प्रशांत भूषण ने अपने कई ट्वीटों में कहा कि यह विज्ञापन धन के भद्दे दुरूपयोग और केजरीवाल की अपरिपक्वता को दर्शाता है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरूद्ध भी है.
उन्होंने ट्वीट किया कि इसके अलावा विज्ञापन महिलाओं को उनके पतियों की नौकर के रूप में पेश करता है। स्तब्धकारी है व्यक्तित्व पूजा को लोकतंत्र के विरूद्ध करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में नेताओं के फोटो के प्रकाशन पर रोक लगा दी है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश उसके अपवाद हैं। एजेंसी