नई दिल्ली- आम आदमी पार्टी के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने नया विवाद खड़ा कर दिया दरअसल उन्होंने मिश्रा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी के बीच गठबंधन को राष्ट्रविरोधी बताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एक पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन से जम्मू एंड कश्मीर में बनने वाली सरकार में पीडीपी की तरफ से सीएम पद की प्रमुख दावेदार महबूबा मुफ़्ती के बारे में पूछा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले क्या महबूबा मुफ्ती भारत माता की जय बोलेंगी? लेकिन आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने मिश्रा के बयान से अपने को अलग कर लिया है।
मिश्रा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी के बीच गठबंधन को राष्ट्रविरोधी बताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि देश को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के इस फैसले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने शाह को इस तरह के गठबंधन के साथ आगे बढ़ने से पहले लोगों को विश्वास में लेने का सुझाव भी दिया है। मिश्रा ने भाजपा से सवाल किया, “क्या महबूबा मुफ्ती भारत माता की जय बोलने में विश्वास रखती हैं? अगर नहीं, तो क्या फिर भी भाजपा उनकी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी? मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले क्या वह नारा लगाएंगी कि अफजल गुरु आतंकवादी था और ‘अफजल गुरु मुर्दाबाद’?”
मिश्रा ने अजय कहा कि पठानकोट हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी जांच दल को भारत आने की अनुमति देकर केद्र सरकार ने पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई को क्षति पहुंचाई है। उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या इसके पीछे भी महबूबा मुफ्ती का ही दबाव था।
इस सिलसिले में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दीपक बाजपेयी ने कहा, “यह मंत्री का निजी बयान है, न कि पार्टी का।” वही दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने भी कहा, “पत्र में लिखी गई बातें मंत्री कपिल मिश्रा की निजी राय है। दिल्ली सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होने लिखा है कि कुछ दिन पहले रूबैया सईद की बहन महबूबा मुफ्ती पीएम मोदी से मिली थी, चर्चा है कि वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। यहां आपको बता दें कि कपिल मिश्रा ने पत्र में रुबैया सईद का नाम लिया है, रुबैया को 1989 में आतंकियों ने किडनैप कर लिया था,रुबैया के बदले सरकार को 5 आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। उस वक्त मुफ्ती मोहम्मद सईद गृहमंत्री थे। कपिल मिश्रा ने ट्वीट करके कहा कि जिस दिन ये नापाक गठबंधन सरकार बनाएगा उस दिन वो काली पट्टी बांधकर इसका विरोध करेंगे।