मुंबई – किशोर उम्र की लड़कियों में गर्भपात का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। मुंबई में ये समस्या विकराल रूप ले चुकी है। हाल ही में आरटीआई से मिली एक जानकारी के अनुसार मुम्बई की 67% एबॉर्शन ऐसी स्त्रियों के हुए हैं, जिनकी उम्र 15 साल से भी कम है। चौंकाने वाली बात ये भी है कि वर्ष 2014-15 के दौरान 31 हजार महिलाओं ने एबॉर्शन का रास्ता चुना, जिसमें 1600 ऐसी महिलाएं हैं जिनकी उम्र 19 साल से कम है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमारे लिए खतरे की घंटी और यह वक्त की मांग है कि सेक्स एजुकेशन की मांग को और देर न करते हुए आगे बढ़ाया जाए।
मुंबई की महानगरपालिका (बीएमसी) के द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 में केवल 11% ऐसी स्त्रियों का एबॉर्शन हुआ था जिनकी उम्र 15 साल से कम थी। लेकिन 2014-15 के आंकड़ों में पता चलता है कि इसमें कमी होने के बजाए और बढ़ोत्तरी हुई है। इस वर्ष में 15 साल से कम की 185 स्त्रियों ने एबॉर्शन का रास्ता चुना। वहीं 19 वर्ष से कम के आंकड़ों में 47% की चौंकाने वाली वृद्धि सामने आई है। दिलचस्प बात ये है कि अंधेरी ईस्ट और वेस्ट में इस तरह के 6 हजार मामले सामने आए हैं।
सिविक हॉस्पिटल की एक डॉक्टर का कहना है कि प्री-मैरिज सेक्स और किशोरावस्था में गर्भधारण करना आम बात हो चुकी है। इस मामले में इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कम उम्र में बच्चियों की शादी करा देने के कारण भी ऐसे मामलों में वृद्धि हो रही है। प्रसूति मामलों से जुड़ी रही एक संघ की अध्यक्ष सुचित्रा पंडित इन आंकड़ों को देख कर कहती है कि ये सारे आंकड़े बहुत ही चिंताजनक हैं। सुचित्रा का मानना है कि लोगों में सही सेक्स का ज्ञान न होने के कारण भी आंकड़ों में बेताहाशा वृद्धि हो रही है।
भारतीय कानून के मुताबिक एबॉर्शन केवल सरकारी अस्पतालों में ही वैध है, वह भी तब जबकि एक सक्षम मेडिकल ऑफिसर इस संबंध में मंजूरी दे चुका हो। किसी अपंजीकृत संस्था द्वारा यदि इस प्रकार का कोई कृत्य किया जाता है तो यह दण्डनीय अपराध होगा और इसके लिए 2 से 7 साल की जेल भी हो सकती है। भारत में गर्भधारण करने के 20 सप्ताह के भीतर ही यदि एबॉर्शन कराया जाए तो यह अवैध नहीं माना जाएगा। – एजेंसी