मुंबई- औरंगाबाद आर्म्स केस में मंगलवार को सजा का ऐलान कर दिया गया। मुम्बई हमले के मुख्य आरोपी अबु जुंदाल समेत 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मुंबई की मकोका कोर्ट ने सजा का ऐलान किया।
जानकारी के अनुसार, मकोका कोर्ट ने इस मामले में 12 में से 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, दो दोषियों को 14 साल और तीन दोषियों को 8 साल की सजा सुनाई गई है।
गौर हो कि एटीएस की ओर से औरंगाबाद के पास हथियारों का बड़ा जखीर बरामद किये जाने के 10 वर्षों बाद एक विशेष अदालत ने बीते दिनों मुम्बई हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता अबु जुंदाल और 11 अन्य को दोषी करार दिया था लेकिन उनके खिलाफ कड़ा मकोका आरोप हटा दिया। मामले के 22 आरोपियों में से अदालत ने आठ को बरी कर दिया था जबकि दो आरोपियों के खिलाफ सुनवाई अलग कर दी थी क्योंकि एक आरोपी सरकारी गवाह बनने के बाद बयान से पलट गया था जबकि अन्य आरोपी फरार है।
दोषी पाये गए 12 व्यक्तियों में से एक फैजल अताउर रहमान शेख है जिसे 11 जुलाई 2006 के मुम्बई ट्रेन बम विस्फोट मामले में मौत की सजा सुनायी गई है। छह व्यक्तियों को मामले में वांछित दिखाया गया है। विशेष मकोका न्यायाधीश श्रीकांत अनेकर ने 10 साल इंतजार के बाद फैसला सुनाया था। कुछ दिन पहले ही मामले में अंतिम दलीलें पूरी हुई थीं।
अदालत ने जुंदाल को गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून, विस्फोटक कानून, विस्फोटक पदार्थ कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी ठहराया जबकि अन्य को अलग अलग आरोपों में दोषी ठहराया गया। उनके खिलाफ मकोका के तहत आरोप यद्यपि हटा दिये। अदालत ने अभियोजन की यह दलील स्वीकार कर ली कि एटीएस ने दो कारों से भारी मात्रा में जो हथियार और गोला बारूद पकड़ा था उसे मूल तौर पर पाकिस्तान से हासिल किया गया था।
लश्कर ए तोएबा आतंकवादी सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल एवं 11 अन्य को दोषी करार देते हुए अदालत ने कहा था कि एटीएस उनके खिलाफ मकोका के तहत आरोपों को सिद्ध नहीं कर पायी जबकि अदालत ने मामले में एजेंसी की ओर से पेश प्रत्यक्ष एवं ठोस सबूत स्वीकार कर लिया।