नई दिल्ली: राकांपा के एक नेता ने आज यह दावा किया कि हिंदू ग्रंथों में गोमांस खाने को अपराध नहीं बताया गया है और उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को इस मुद्दे पर चर्चा करने की चुनौती दी। भागवत ने हाल ही में गोवध पर अखिल भारतीय प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
राकांपा महासचिव डीपी त्रिपाठी ने गो रक्षक समूहों की गतिविधियों को ‘‘हिंदू विरोधी’’ बताया। उन्होंने दावा किया कि स्वामी विवेकानंद, जिनके प्रशंसक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, वे ‘‘ना केवल मांस खाते थे बल्कि मांसाहारी भोजन पकाते भी थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या इन लोगों (गो रक्षकों) के लिए इन प्रसिद्ध व्यक्तियों को जेल भेजना संभव था।’’
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘वेदों में कहीं नहीं लिखा कि गोमांस खाना अपराध है। शास्त्रों में, वेदों में यह कहीं नहीं लिखा। मैं भागवत या उनके किसी भी प्रतिनिधि को सभी हिंदू ग्रंथों के आधार पर चर्चा करने की चुनौती देता हूं।’’ त्रिपाठी ने दावा किया कि बड़ी संख्या में हिंदुओं समेत 80 फीसदी लोग मांस खाते है। उन्होंने कहा कि गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने का भागवत का विचार संविधान की भावना के खिलाफ है।