हिंदू पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण का अवतार लिया। धरती पर वह आठवें अवतार के रूप में जन्मे थे। भगवान श्रीकृष्ण इस जन्म में कई जगह रहे। उनका जन्म मथुरा में हुआ और बचपन गोकुल, वृंदावन और मथुरा में बीता।
उज्जैन में जहां उनकी पढ़ाई हुई तो द्वारिका उनकी नगरी रही। हस्तिनापुर में वह निवास किया करते थे। भगवान श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले अमूमन भक्तगण उन्हें गोकुल, मथुरा, वृंदावन, गिरिराज में खोजते हैं, लेकिन मान्यता है कि श्रीकृष्ण आज भी द्वारिका में रहते हैं और वैकुंठ में ध्यान करते हैं।
स्कंदपुराण में द्वारिका का वर्णन विस्तार से मिलता है। कृष्ण के जीवन में काफी उथल-पुथल रही है। कंस ने बालक कृष्ण की हत्या करने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा था। कृष्ण की माया के आगे पूतना बेबस रही। पूतना के अलावा कृष्ण ने शकटासुर, यमलार्जुन मोक्ष, कलिय-दमन, धेनुक, प्रलंब, अरिष्ट आदि राक्षसों का संहार किया था।
कृष्ण ने ही महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को जो उपदेश दिया वह गीता के नाम से प्रसिद्ध हुआ। वेदों का सार है उपनिषद और उपनिषदों के सार को गीता कहा गया है। ऋषि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। गीता महाभारत के भीष्मपर्व का हिस्सा है।
जानिए, भगवान श्री कृष्ण के जीवन की खास बातें
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram