साल 2015 में फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ के प्रमोशन टूर के दौरान क्रू का हिस्सा रही एक महिला ने आरोप लगाया है कि विकास बहल ने उनके साथ छेड़छाड़ की थी।
हाल ही में फिर से यह मुद्दा कई नए आरोप सामने आने के बाद फिर से हाइलाइट हो गया है।
विकास बहल की फिल्म ‘क्वीन’ में लीड रोल निभाने वाली कंगना रनौत ने अपना अनुभव शेयर करते हुए पीड़ित महिला का पक्ष लिया है।
उन्होंने कहा, ‘मैं उस महिला की बात पर पूरा विश्वास करती हूं। साल 2014 में जब हम फिल्म ‘क्वीन’ की शूटिंग कर रहे थे उस समय विकास बहल शादीशुदा थे। वह अक्सर मुझसे अपने पार्टनर के साथ कैजुअल सेक्स की बातें शेयर किया करते थे। मैं दूसरों को या उनकी शादी को जज नहीं करती लेकिन आप महसूस कर सकते हैं कि कब ये सब उनके लिए लत बन चुका है।
वह हर रात पार्टी करते थे और मुझे जल्दी सो जाने के लिए व कूल नहीं होने को लेकर शर्मिंदा करते थे। मैं उन्हें कई बार कहती थी कि वह मुझसे डरते हैं, लेकिन जब भी हम पब्लिक में मिलते और गले लगते थे तो वह अपना चेहरा मेरी गर्दन के पास ले जाते। वह मुझे कसकर पकड़े रहते थे और मेरे बालों को सूंघते थे। मुझे उनसे दूर होने के लिए पूरी ताकत लगा देनी पड़ती थी। वह कहते थे कि, मुझे तुम्हारी खुशबू पसंद है।
‘मैं कह सकती थी कि उनके साथ कुछ तो गलत है। मैं इस लड़की पर विश्वास करती हूं। लेकिन यह काफी दुखद है कि फैंटम कंपनी बंद होने के बाद अब कई लोग विकास बहल पर हमला कर रहे हैं। उस लड़की ने बहुत पहले मदद मांगी थी, लेकिन उस समय उसकी कहानी मार दी गई, लेकिन मैं उसका हमेशा समर्थन करती रही।
आप एक ब्रैंड के प्रमोशनल इवेंट के दौरान मीडिया से मेरी बातचीत को देख सकते हैं। मुझे लगा मेरे बात करने से मुद्दा उठेगा पर मैं गलत थी।’
‘उसी दौरान विकास बहल मेरे पास हरियाणा की एक खिलाड़ी की कहानी पर फिल्म की स्क्रिप्ट लाए थे पर मैंने जब उस लड़की को सपॉर्ट किया तो उन्होंने मुझसे बात करना बंद कर दी। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ा, मैंने भी उनसे संपर्क नहीं किया क्योंकि मैंने सोच लिया था कि जो सही लगेगा वही बोलूंगी। बावजूद इसके मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया और इस बारे में फिर नहीं सुना। यह काफी हैरानी भरा है कि कैसे फैंटम के बंद होते ही कई लोगों में विकास पर हमला करने और उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत आ गई है। समाज को शर्म आनी चाहिए। बुजदिलों जाकर आईना देखो।
शक्तिविहीन व्यक्ति पर हमला करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। या तो हमें सही समय पर कदम उठा लेना चाहिए या कुछ नहीं करना चाहिए। अवसरवादी न बनें। कम से कम हमें इस बारे में तो स्वीकार लेना चाहिए। सिर्फ चुनिंदा मौकों पर गुस्सा दिखाना एक मनोरंजन और गॉसिप का टॉपिक बनकर रह जाएगा और कुछ नहीं।’