केंद्र की मोदी सरकार के लिए मानों प्याज की कीमत से ज्यादा उनके मंत्रियों के बयान मुसीबत का सबब बन रहे हैं।
शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बाद केंद्रीय मंत्री और बिहार से बीजेपी सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि उन्होंने कभी प्याज छुआ तक नहीं तो उसके दाम पर टिप्पणी कैसे कर दें।
संसद में प्याज के दाम से जुड़े सवाल पर अश्विनी चौबे ने कहा, ‘मैं शाकाहारी आदमी और मैंने कभी प्याज चखा भी नहीं है। तो मेरे जैसे आदमी को क्या मालूम प्याज का दाम कितना है।।।’
इससे पहले बुधवार को लोकसभा में निर्मला सीतारमण के बयान से पहले एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने प्याज के किसानों का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार से प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर एक सवाल करना चाहती हूं। सरकार मिस्र से प्याज मंगवा रही है, जो प्याज की कीमत कम करने के लिए जरूरी भी है। मैं सरकार के इस कदम की सराहना भी करती हूं, लेकिन मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि आखिर प्याज का उत्पादन गिर क्यों गया?’
उन्होंने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र से आती हूं, जहां बड़े पैमाने पर प्याज की पैदावार की जाती है। यहां के छोटे किसान जो प्याज का उत्पादन करते हैं, उन्हें बचाने की जरूरत है।’
इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा- ‘मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती, इसलिए चिंता न करें। मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जिसे प्याज की कोई खास परवाह नहीं है।’ वित्त मंत्री के इस बयान के बाद संसद में हंसी के ठहाके लगे।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिए कदम उठा रही है।’
उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा रही है।
सीतारमण ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मूल्य स्थिरता कोष का उपयोग किया जा रहा है। इस संबंध में 57 हजार मीट्रिक टन का बफर स्टाक बनाया गया है। इसके अलावा मिस्र और तुर्की से भी प्याज आयात किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान के अलवर जैसे क्षेत्रों से दूसरे प्रदेशों में प्याज की खेप भेजी जा रही है।