रोहतक [ TNN ] चलती बस में दो बहनों के द्वारा तीन युवकों की बेल्ट से धुनाई के मामले में नया मोड़ आ गया है। आरती और पूजा जहां दावा कर रही हैं कि पिटाई छेड़खानी के जवाब में की गई थी, वहीं दूसरा पक्ष यह आया है कि विवाद बस की सीट को लेकर था। उस बस में सवार पांच महिला यात्रियों ने थाने में गवाही दी और शपथ पत्र के जरिए मंगलवार को कोर्ट में लड़कों का पक्ष लिया।
इन महिला यात्रियों का दावा है कि छेड़खानी जैसा कोई मामला नहीं था और सारा झगड़ा सीट को लेकर हुआ था। इस बीच, रविवार देर रात जेल भेजे गए तीनों आरोपियों युवक को कुलदीप, दीपक और मोहित को जमानत मिल गई और उन्हें रिहा कर दिया गया। युवकों के परिवार वालों का कहना है कि उनके लड़कों को झूठा फंसाया गया है। उन लोगों ने कहा कि लड़कियों ने खुद ही विडियो बनवाया है।
परिवार के लोगों ने दोनों बहनों के एक और विडियो सामने आने का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि लड़कियां झगड़ालू हैं और झगड़ा करना इनकी आदत है। मंगलवार को सामने आए एक नए विडियो में भी आरती और पूजा एक युवक की धुनाई करती दिख रही हैं। तीन दिन के भीतर इस तरह के दो विडियो सामने आने पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए पूजा ने कहा है कि अगर कोई उनसे छेड़छाड़ करेगा, तो वे उसे ऐसे ही पीटेंगी।
पूजा ने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने मनचलों को कई बार सबक सिखाया है। ताजा विडियो रोहतक बस स्टैंड के सामने हुडा सिटी पार्क का है और यह डेढ़ माह पुराना बताया जा रहा है। जूडिशल मैजिस्ट्रेट कीर्ति जैन की अदालत ने कुलदीप, मोहित और दीपक को जमानत दे दी।
मंगलवार को पूजा और आरती के गांव की बिमला और संतोष समेत कुल पांच महिलाओं ने दावा किया कि घटना के दौरान वे बस में मौजूद थीं और एक महिला ने टिकट भी दिखाया। सभी महिलाओं ने छेड़छाड़ में नामजद किए गए युवकों को निर्दोष बताया और कहा कि सीट को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद लड़कियों ने ही लड़कों की पिटाई की थी। पांचों महिलाओं ने आरोपियों के पक्ष में पुलिस के सामने बयान दर्ज कराए और वकील को शपथ पत्र भी दिए।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों के वकील संदीप राठी ने बताया कि बस में सवार गांव गढ़ी सिसाना की बिमला देवी पत्नी ईश्वर ने शपथ पत्र में कहा है कि उन्होंने लड़कों से टिकट मंगवाई थी। तीन नंबर सीट दी गई, जबकि आठ नंबर सीट पर एक बीमार महिला को बैठाना था। इसी सीट पर दोनों लड़कियां बैठी हुई थीं।
बिमला के मुताबिक, लड़कों ने लड़कियों से बीमार महिला को सीट देने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। आरोप है कि इसके बाद लड़कियों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। थाना खुर्द की संतोष ने कहा, ‘इन लड़कियों का मारपीट करना नया नहीं है। इसी व्यवहार के चलते गांव का कोई भी सवारी वाहन उन्हें बैठाता नहीं। वे पैदल ही गांव में आती हैं।
कुछ समय पहले गांव के आठ साल के बच्चे को भी इन्होंने पीटा था।’ समा कौर का कहना है, ‘मैं रोहतक से कपड़ा लेकर लौट रही थी। बस में सीट को लेकर दोनों पक्ष में झगड़ा हुआ। यहां छेड़खानी जैसा कोई मामला नहीं था।’