बिहार की चुनावी हार को जीत में बदलने में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को भले ही 20 महीने का वक्त लग गया हो, लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को धूल चटा ही दी। याद कीजिए सितंबर-अक्टूबर 2015 में बिहार चुनाव का वो दौर, जब नीतीश कुमार बिहारियों के डीएनए पर सवाल उठाने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी पर लगातार हमला कर रहे थे।
बीजेपी नेता लालू और नीतीश की जुगलबंदी को बिहार में जंगलराज की वापसी बता रहे थे, तो किसको पता था कि 20 महीने के अंदर नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ सत्ता की गलबहियां करते नजर आएंगे। लेकिन बिहार में ये सच साबित हुआ। दरअसल मई 2014 में बीजेपी की सत्ता में दमदार वापसी के बाद नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी एक एक कर कई राज्य फतह करते जा रहे हैं।
अब देश के नक्शे में एक ऐसा राज्य बीजेपी नेतृत्व की आंखों में खटक रहा है। जहां बीजेपी ने राजनीति के नये नवेले खिलाड़ी से मात खायी है और भी बेहद पूरजोर तरीके से। हम बात कर रहे हैं देश की राजधानी दिल्ली की। ऐसे समय में जब बीजेपी ने हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पहली बार सरकार बनाई, दिल्ली में पार्टी का पूरा नेतृत्व मौजूद रहने के बावजूद बीजेपी दिल्ली हाथ से धो बैठी।
अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को ये हार सालता रहता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर अपने भाषणों में दिल्ली फतह का जिक्र कर बीजेपी का जख्म ताजा करते रहते हैं। अब जब आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता पर लाभ के पद पर फंसे होने की वजह से अयोग्यता की तलवार खटक रही है, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द ही बीजेपी राजधानी में भी सरकार बनाने या फिर जल्दी चुनाव करवाने का तिकड़म लगा सकती है। एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जोरदार जीत ने पार्टी की महात्कावाकांक्षाओं को पंख लगा दिये हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी फिलहाल इसी मिशन में जुटे हैं। आम आदमी पार्टी में बढ़ रहे असंतोष ने बीजेपी की काम को आसान कर दिया है।
एक और राज्य जहां बीजेपी अपना झंडा फहराने की फिराक में है वो है तमिलनाडु। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आसमयिक मौत ने बीजेपी के लिए सुदूर दक्षिण में प्रवेश के दरवाजे खोल दिये हैं। एआईएडीएमके में नेतृत्व विवाद, बढ़ती गुटबाजी से बीजेपी का काम आसान हो रहा है।
बीजेपी इसके लिए दक्षिण के कद्दावर अभिनेता रजनीकांत को कई बार बीजेपी में शामिल होने का न्यौता दे चुकी है। पार्टी नेता नितिन गडकरी रजनकांत के स्वागत के लिए रेड कार्पेट लेकर तैयार दिखे हैं। बीजेपी पहले दक्षिण में अपना संगठन मजबूत करना चाहती है, ताकि चुनाव आते-आते तक मोदी लहर को भुनाया जा सके। बीजेपी ने इसके लिए तमिलनाडु की कई क्षेत्रीय पार्टियों को बीजेपी में विलय का भी ऑफर दिया है।