नरेन्द्र मोदी सरकार के एक फैसले के बाद एक शख्स की मौत के बाद भी आधार कार्ड की अनिवार्यता बरकरार रहेगी। अन्यथा मरने वाले शख्स के परिवार वालों को उसके नाम से चल रही कई स्कीमों, पॉलिसियों, पेंशन का फायदा नहीं मिला पाएगा। केन्द्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2017 से डेथ सर्टिफिकेट यानी की मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है।
सरकार के इस फैसले के तहत मृतक की पहचान जानने के लिए आधार नंबर जरूरी होगा, इसके बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनेगा। अगर किसी शख्स के पास आधार कार्ड नहीं है और उसकी मौत हो जाती है तो फिर उसके परिवार वाले उसका डेथ सर्टिफिकेट नहीं बना पाएंगे। डेथ सर्टिफिकेट ना होने की हालत में मृतक के उत्तराधिकारी को उसके नाम से चल रही पॉलिसियों का फायदा नहीं मिल पाएगा।
बता दें कि केन्द्र सरकार ने कई सरकारी स्कीमों का फायदा लेने के लिए आधार नंबर को जरूरी कर दिया है। इसमें मोबाइल कनेक्शन, इनकम टैक्स रिर्टन, बैंक खाता खुलवाना, संपत्ति का हस्तांतरण से लेकर कई और सरकारी स्कीम शामिल है।
अब सरकार ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी आधार नंबर जरूरी कर दिया है। मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर ही मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को पेंशन, जीवन बीमा का भुगतान, बैंक खाते में बची राशि का भुगतान मिलता है, लिहाजा अगर डेथ सर्टिफिकेट नहीं है तो मरने वाले शख्स के उत्तराधिकारी को ये भुगतान नहीं मिल पाएगा।
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आधार नंबर को जरूरी बनाने से जुड़ी अधिसूचना को गृह मंत्रालय ने 4 अगस्त को जारी किया है।