मुंबई [ TNN ] नौ राज्यों की 33 विधानसभा सीटों के उपपचुनाव में मिली करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महाराष्ट्र मे तेवर “नरम” पड़ गए हैं जहां अगले महीने 15 तारीक को विधानसभा चुनाव होने हैं। केद्र में सत्ताधारी भाजपा अपने सहयोगी दल शिव सेना से प्रदेश की 288 सीटों मे से 135 सीटो पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी, जबकि सेना इतनी सीटें देने को तैयार नहीं थी।
उपचुनावों के नतीजे आने के बाद भाजपा के तेवर ठंडे पड़ गए हैं। पार्टी ने बुधवार देर रात 119 सीटों की सूची तैयार की है जिसपर वह चुनाव लड़ना चाहती है। यह 135 से 16 सीटें कम हैं। वहीं, शिव सेना को परिणामों के बाद एक तरीके से संजीवनी बूटी मिल गई है और उसने अपने तेवर और कड़े कर दिए हैं।
केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर बुधवार रात हुई बैठक भाजपा ने कहा कि वह नहीं चाहती की शिव सेना के साथ उसकी 25 साल की दोस्ती पर कोई आंच आए। भाजपा नेता सुधीर मुनगानतीवार ने कहा कि हमने केंद्रीय नेतृत्व को 119 सीटो की सूची भेजी है। 135 सीटों का सिर्फ एक अनुमान था। हमने सेना को इसकी जानकारी दे दी है। चर्चा तब तक जारी रहेगी जबतक सीटो के बटवारे पर अंतिम मुहर नहीं लग जाती।
इससे पहले, बुधवार शाम को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजीव प्रताप रूडी और ओ पी माथुर से इस मामले पर चर्चा की जब सेना ने कहा कि वह भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगा।
शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हम भाजपा से गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन हमारी शर्तो पर। महाराष्ट्र मे मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से होगा और हम ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
गौरतलब है कि चार महीने पहले हुए आम चुनावों मे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भाजपा ने कहा था कि इस दम पर ज्यादा सीटो पर चुनाव लड़ना चाहती है। उसने सेना को सुझाव दिया था की 288 सीटों में से 135-135 सीटो पर दोनों पार्टियां चुनाव लड़े और बची 18 सीटें वह अपने सहयोगीद दलों के लिए छोड़ दे। लेकिन, सेना का कहना था की राज्य मे वरिष्ठ सहयोगी होने के नाते वह 155 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।