आगर मालवा जिले के ग्राम सालरिया में स्थित देश के पहले गोअभ्यारण में रखी गई। गायो की लगातार मौत होने का मामला सामने आने के बाद मंगलवार को जिला कलेक्टर अजय गुप्ता एवं गोसंंवर्धन बोर्ड भोपाल की टीम के द्वारा गोअभ्यारण का दौरा किया गया।
इस दौरान कलेक्टर द्वारा अधिकारीयो को आवश्यक निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने गौ अभ्यारण्य में पिछले एक महीने के दौरान 52 गायो की प्राकर्तिक मौत की पुष्टि की है, जबकि कुछ दिनों से अभ्यारण्य में तीन सौ गायो के मरने की अफवाह फैलाई जा रही थी।
जिला कलेक्टर अजय गुप्ता एवं गोसवर्धन बोर्ड भोपाल की टीम ने निरीक्षण के दौरान शेड में ठंडी हवाओ से बचाव के लिए पशु शेडो की कुछ खिडकियों को बंद करने, गोअभ्यारण में मौजूद गायो पर आर एफ डी का संख्यात्मक टेग लगाने, मरी हुई गायो का सही तरीके से दफना कर उनका विडियों बनाने और अभ्यारण में पूरी जॉच पडताल के बाद ही अब गायो को रखे जाने सहित अन्य निर्देश उपसंचालक गोअभ्यारण एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर ने बताया कि गौ अभ्यारण में 1 दिसंबर से अभी तक 52 गायो की मौत हुई है, आगर व उज्जैन की टीमो से पीएम करवाया गया है, जिसमें प्राथमिक आधार पर गायो की मौत पोलीथीन खाने एवं निमोनिया के कारण हुई हैा साथ ही लेंटाना ( गेंदी ) के पौधे खाने से भी कुछ गायो की मौत होने का अंदेशा है।
गौअभ्यारण में कुल गायों की संख्या के आधार पर 1 प्रतिशत मौत होना स्वभाविक है। आंकडो को लेकर कुछ गलत भ्रांतीयां फैली है, जिसको दुर किया जा रहा है। गौअभ्यारण की शुरूआत में लगभग चार हजार गाये रखी गयी थी। वर्तमान में भी लगभग इतनी ही गाये वहां मौजुद है।