आगरा – कॉलेज में फीस भी भरें, वक़्त से कॉलेज भी जाएं और उसके बाद बिना किसी वजह से आपको आपका रिजल्ट नहीं मिले। वहीं वह उन वालीदेन पर क्या गुजरेगी जो काफी मेहनत करने के बाद अपने बच्चों की फीस भरते हैं, ताकि वह पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी हासिल कर सकें। ऐसी हालत में नाराज़ आना लाजमी है, लेकिन क्या किया जाए, कुछ ऐसा ही खेल गुजिश्ता चार साल से युनिवर्सटी में चल रहा है। 2014 की 16 हजार मार्कशीट कॉलेजों में नहीं भेजी गईं हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर युनिवर्सटी में 16 हजार 2014 के तलबा तालिबात को मार्कशीट नहीं मिली हैं। लगातार कॉलेजों की शिकायत के बाद भी युनिवर्सटी के आला अफसर इस ओर तबज्जो नहीं दे रहे हैं। युनिवर्सटी में हुए फर्जी मार्कशीट मसले के बाद से ज़्यादातर मुलाज़िम अपनी सीट पर नहीं बैठते हैं। करीब 35 से ज्यादा मुलाज़िम एक माह से युनिवर्सटी से नदारद भी चल रहे हैं। जब कॉलेज के लोग बार बार युनिवर्सटी में चक्कर काटने को मजबूर हैं। उन्हें हर बार यह यकीन दिया जाता है कि कुछ दिन उनका काम हो जाएगा, लेकिन उनको मार्कशीट दस्तयाब नहीं कराई जा रही हैं।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2015 में भी इन तलबा तालिबात को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी, क्योंकि इनमें से ज़्यादातर तलबा तालिबात अव्वल और दूसरे बरस के हैं। इन को एग्जाम फार्म भरने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इन मार्कशीट के लिए कॉलेजों से शिकायतें आ रही हैं, लेकिन यूनिवसर्टी इनका निबटारा करने के बजाए बस्ते में जमा करता जा रहा है।
प्रभात रंजन रजिस्ट्रार युनिवर्सटी के मुताबिक मेरी मालूमात में आया है कि कुछ कॉलेजों में मार्कशीट नहीं पहुंची हैं। ऐसी क्या वजह है, इसकी जांच कराई जाएगी उसके बाद जो क़सूरबार होंगे उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। एजेंसी वालों से इस मामले में पूछताछ भी जाएगी। जल्द की कॉलेजों में मार्कशीट भेजी जाएंगी।
रिपोर्ट -सुहैल उमरी