उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस ने एक ऐसे गैंग के सरगना को पकड़ा है जो नकली नोट छापकर बाज़ार में चलाते थे, गैंग के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ख़ास बात यह है की सरगना महज पांचवीं पास है। गैंग को एक नोट छापने में चार से पांच मिनट का समय लगता है।
उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के शहीद नगर (सदर) में एक किराए के मकान में 100 रुपये के नकली नोट छापे जाते थे। एसटीएफ आगरा यूनिट ने गैंग के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सरगना महज पांचवीं पास है। 100 रुपये की नोटों की गड्डी पांच हजार रुपये में लोगों को चलाने के लिए दी जाती थी। जुआरियों और सट्टेबाजों में इसकी बहुत डिमांड थी। आरोपियों के कब्जे से करीब 35 हजार रुपये नकली नोट मिले हैं।
एसटीएफ आगरा यूनिट को खबर मिली थी कि शहर में एक गैंग सक्रिय है। सौ रुपये के नकली नोट छापता है। बाजार में सौ रुपये का नोट कोई चेक करके नहीं लेता है। इसलिए गैंग सौ रुपये का पुराना वाला नकली नोट छाप रहा है।
नकली नोट देहात में खपाए जाते हैं। एक नोट को छापने में महज आठ रुपये का खर्चा आता है। 100 के नोट की गड्डी में दस हजार रुपये होते हैं। यह गड्डी आरोपित पांच हजार रुपये में लोगों को देते हैं। खरीदने वाले को सीधे-सीधे पांच हजार रुपये का फायदा होता है। गैंग को एक नोट छापने में चार से पांच मिनट का समय लगता है।
नकली नोट समेत प्रिंटर बरामद एसटीएफ ने बताया कि शिवम तोमर, ओमकार झा (कृष्णापुरी कॉलोनी, कहरई मोड़), अवधेश सविता (शमसाबाद), सुनील सिसौदिया (महादेव नगर, शमसाबाद मार्ग) व लाखन (मियांपुर, ताजगंज) को गिरफ्तार किया गया है। शिवम तोमर गैंग का सरगना है। उसने ही सभी को नोट छापना सिखाया है।