#सीहोर : इछावर तहसील के दीदाखेड़ी ग्राम पर दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के बीच ICARDA, (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रिकल्चर रिसर्च इन द ड्राइ एरीयाज़) के कार्यक्रम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा रहा !
आपको बता दे के सरकार दलहन के उत्पादन के प्रति किसानों में जागरूकता पैदा करने तथा इसके उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के लिए वर्ष 2016 को दलहन उत्पादन वर्ष के रूप में मना रही है !
लेबनॉन से आए महानिदेशक डॉ मेहमूद सोल ने किसानो को सम्भोदित करते हुए कहा कि :- में प्रसन्न हु के आप किसानो के बीच हु , भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां इसकी खपत भी सबसे अधिक है और यह इसका दुनिया में सबसे बड़ा आयातक देश भी भारत ही है।
क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आशुतोष सरकार ने कहा कि दलहन की ज्यादा पैदावार देने वाले बीजों की प्रजातियों के शोध पर भी हम अधिक जोर दे रहे हैं। किसानो के ज्ञान और आधुनिक तकनीकी विज्ञान के समावेश करने से कृषि फायदे का धंधा बनेगा और किसानो के जीवन स्तर में सुधार आयेगा।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर से आए निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.के. श्रीवास्तव ने कहा कि देश में सर्वाधिक कृषि विकास दर हासिल करने में इस वर्ष मध्यप्रदेश अव्वल रहा है। बदलती जलवायु और अनगिनत भौतिक कारणों के बावजूद ज्यादा कृषि विकास दर हासिल करने का चमत्कार हुआ है खेती का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में नवीनतम तकनीक का प्रसार एवं कृषि शिक्षा भी अहम भूमिका निभाती है !
तो वही दलहन विकास निदेशालय भोपाल से आए डॉ ए के तिवारी ने दलहन उत्पादन को बढावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन किया ! भारतीय कृषि वैज्ञानिकों और विदेशी वैज्ञानिकों के दल ने किसानों के खेतों का भी मुआयना किया !
दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के इस कार्यक्रम आर ए के कृषि महाविद्यालय सीहोर की डीन डॉ (श्रीमति ) एस बी ताम्बी , आर.ए.के कृषि महाविद्यालय सीहोर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी चना मुख्य केंद्र सीहोर डॉ.डी आर सक्सेना,प्रभारी MULLaRP (अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना) प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर पी सिंह , प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामगिरी , डॉ. एस. सी. गुप्ता, डॉ अशोक सक्सेना , पत्रकार बंधू , छात्रों सहित किसान बंधू भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे ! रिपोर्ट @ आमिर खान