Delhi AIIMS Server Issue: दिल्ली में AIIMS के ई-अस्पताल का डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है और बाकी सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। फिलहाल आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाओं आदि सहित सभी अस्पताल सेवाएं मैन्युअल मोड पर चलती रहेंगी। हैकिंग के बाद पिछले 6 दिनों से इसके तमाम सर्वर को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अस्पताल में डेटा की मात्रा और बड़ी संख्या में सर्वर/कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। आपको बता दें कि एम्स सर्वर 23 नवंबर की सुबह 7 बजे से ठप हो गया था। 24 घंटे बाद भी सर्वर ठीक नहीं हो पाने के बाद एम्स के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था। उधर, एम्स के सर्वर हैंकिंग मामले में आतंकी एंगल से होने की भी चर्चा है। NIA की टीम ने मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई है और सूत्रों के मुताबिक जल्द ही ये मामला दिल्ली पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपा जा सकता है।
मामले पर गृह मंत्रालय की उच्च-स्तरीय बैठक
इस बीच गृह मंत्रालय ने भी मामले को लेकर हाई लेवल बैठक की। इस बैठक में IB के सीनियर अधिकारी, AIIMS एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े अधिकारी, NIC के अधिकारी, NIA के सीनियर अधिकारी, दिल्ली पुलिस सहित दूसरे अधिकारी शामिल हुए। डेढ़ घंटे चली गृह मंत्रालय की बैठक में इसके संभावित परिणाम और ऐसे हमलों को रोकने के उपाय पर विस्तार से चर्चा हुई। एम्स में काम कर रही नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की टीम ने रैनसमवेयर अटैक की आशंका जताई थी। एम्स का सर्वर NIC की टीम ही संभालती है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच का जिम्मा अपनी इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (IFSO) यूनिट को सौंप दिया गया था। इंडिया कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस, CBI और (IB) के साइबर एक्सपर्ट मामले को देख चुके हैं।