ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी इस बार हैदराबाद के साथ ही उत्तर प्रदेश की एक सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौकत अली ने हैदराबाद में आयोजित बैठक में पार्टी को यह आइडिया दिया है।
हालांकि इस सुझाव पर औवैसी ने कहा है कि वह कुछ दूसरे नेताओं से बातचीत करके और पब्लिक फीडबैक लेने के बाद ही इस पर कोई फैसला लेंगे।
ओवैसी ने हमारे सहयोगी अखबार के संवाददाता से फोन पर बार करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि उनकी पार्टी की उत्तर प्रदेश यूनिट ने उनके सामने यह प्रस्ताव रखा है। उस पर वह विचार कर रहे हैं।
ओवैसी ने कहा, ‘शौकत साहब हैदराबाद में पार्टी की मीटिंग में शामिल होने आए थे। उन्होंने यह प्रस्ताव रखा है कि मैं उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ूं। मैंने उनसे कहा है कि उनके इस प्रस्ताव से यूपी में कई लोगों की नींद उड़ जाएगी।’
हाालंकि ओवैसी ने इसके आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शौकत अली का दावा है कि उनके प्रस्ताव से पार्टी में हर कोई खुश है।
हालांकि यह माना जा रहा है कि ओवैसी की यूपी में ऐंट्री समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन और कांग्रेस को प्रभावित करेगी क्योंकि माना जाता है कि पार्टी का मुख्य रूप से सिर्फ मुस्लिम वोटरों के बीच जनाधार है।
बीते चुनावों का रिजल्ट देखें तो मुस्लिम बहुल रामपुर की सीट ज्यादातर कांग्रेस के खाते में रही और दो बार (2004, 2009) में यहां समाजवादी पार्टी को जीत मिली। हालांकि 2014 में यहां से बीजेपी ने विजय हासिल की।
एआईएमआईएम के नेताओं ने कहा कि पार्टी अभी इस पर फैसला लेगी कि ओवैसी उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ेंगे कि नहीं।
वहीं पार्टी के सूत्रों की मानें तो अगर ओवैसी यहां से चुनाव लड़ने का फैसला लेते हैं तो संभव है कि वह रामपुर, सहारनपुर, फिरोजाबाद या आजमगढ़ में से कोई एक सीट चुन सकते हैं।
2017 के स्थानीय चुनावों में एआईएमआईएम को फिरोजाबाद से 11 और आजमगढ़ में तीन सीटों पर जीत मिली थी।
बीते विधानसभा चुनाव में भी एआईएमआईएम ने अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका था।