नई दिल्ली- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि ‘वह यूनिफार्म सिविल कोड लाकर देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रिपल तलाक पर सरकार का विरोध गलत है। ‘
इतना ही नहीं मौलाना रहमानी ने ये भी कहा कि भारत जैसे विविधता में एकता वाले देश के लिए यूनिफार्म सिविल कोड कतई मुनासिब नहीं है। यहां अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं, सभी लोग एक संविधान के मुताबिक रह रहे हैं। सरकार इसको तोड़ने की कोशिश कर रही है।
बोर्ड के सदस्यों ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उससे देश की सरहद तो संभल नहीं रही और वह मुस्लिमों के शरीय कानूनों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है। बोर्ड के सदस्य मौलाना वली रहमानी ने कहा कि इस देश के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड ना तो फायदेमंद है और ना ही जरूरी, इसके लिए पूरा देश उनके साथ है।
देश के भीतर लड़ाई कराने की हो रही साजिश
बोर्ड के सदस्य मौलाना वली रहमानी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के भीतर लड़ाई कराने का कुचक्र रच रही है। बोर्ड की ओर से यह भी कहा गया है कि पूरा देश उनके साथ है और मोदी सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है। वहीं बोर्ड के मेम्बरों ने यह भी जोड़ा कि तीन बार तलाक का वे समर्थन करते हैं और इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव उन्हें मंजूर नहीं है।
सरकार की राय
बता दें कि केंद्र सरकार ने मुस्लिमों में तीन बार तलाक के चलन, ‘निकाह हलाला’ और बहुविवाह का सात अक्तूबर को हलफनामा दायर करके सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था। सरकार ने लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे आधारों पर इन पर पुनर्विचार के पक्ष में राय जाहिर की थी।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इतर एआईएमआईएम नेता असदउद्दीन आवैसी ने कहा है कि उनकी पार्टी ने फैसला लिया है कि वो लॉ कमीशन के प्रश्नों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि प्रश्नों को बहुविकल्पीय बनाना होगा। बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड मामले में लॉ कमीशन के प्रश्नों का जवाब देने से इंकार कर दिया है। [एजेंसी]