शहडोल : वैसे हमारा देश महिला प्रधान देश हैं महिलाओं को बराबरी का दर्जा मान, सम्मान, न्याय सबसे पहले दिलाना प्राथमिकता में है। क्योंकि अक्सर देखा जाता था कि महिलाओं का पुरूषों ने शोषण किया है परंतु 20वीं शदी मे लगातार पुरूषों के महिलाओं से प्रताड़ित किएं जाने की खबरें निकल कर आने लगी है ऐसा ही एक मामला शहडोल आकाशवाणी के रेडियो स्टेशन का है। जहां एलीमिनेशन मे फेल हुए एलांउसर ने कार्यक्रम सहायक निदेशक पर अपना रोष प्रदर्शन करके व्यक्त किया।
जिला मुख्यालय के महिला थाने मे कुछ महिला उद्घोषको ने आकाशवाणी के सहायक निदेशक कार्यक्रम रत्नाकर भारती पर आरोप लगाया है कि वहा पदस्थ महिला उद्घोषको से अभ्रद ब्यवहार के साथ छेडछाड जैैसी हरकतें की जाती है जिससे तंग आकर महिलाओं ने सहायक निदेशक के विरूध मोर्चा खोल दिया। और सडकों पर उतरीं महिलाओं ने सहायक निदेेेशक को घेर कर सड़क पर उल्टा अभद्रता की हद पार कर महिला एकता दिखाई।
….फेल उद्धोषको का खेल…
वर्ष 2016-17 मे केन्द्रीय डायरेक्ट्रेट के निर्देश पर एक्जस्ट्रींग पैनल सिस्टम लागू है। जिसके अनुसार सभी नए, पुराने लोगों की रीस्क्निंग पास आऊट करना अनिवार्य है। जिसे बीते 31 जुलाई तक पूरा भी किया गया। इस प्रतिस्पर्धा में 34 लोगों ने बतौर प्रतिभागी हिस्सा लिया। उसमें से 16 परीक्षार्थी फेल हो गए। जिन्हें एक मौका और दिया गया। इस दिए गए मौके पर प्रतिभागियो की प्रवीणता सूची के आधार पर एलीमिनेशन किया जाना भी अनिवार्य रूप से शामिल था। जिसमें फेल (अनक्वालिफाइड) उद्धोषको को दिनांक 21-08-17 को आकाशवाणी के बाहर का रास्ता दिखाया गया। जिससें नाराज लोगो ने ग्रुप बनाकर सहायक निदेशक कार्यक्रम पद पर पदस्थ अधिकारी रत्नाकर भारती के खिलाफ षडयंत्र रचा डाला।
फेल हुए उद्धोषक…
हम मामले की तह तक पडताल पर पता चलता है कि डायरेक्ट्रेट के निर्देशानुसार हुई एलीमिनेशन एक्जाम मे कु. सरिता श्रीवास्तव, कु. इंद्रा वर्मा, श्रीमती अपर्णा चतुर्वेदी, श्रीमती अर्पणा मिश्रा, श्रीमति सपना श्रीवास्तव, कविता पांडे, जकिया बेगम, सरवरी बेगम 31जुलाई तक संपन्न होने वाले एक्जाम मे फेल थे जिसके बाद मिले एक और मौके पर 04 महिला उद्धोषको वापस लिया गया। जिसमे सरवरी बेगम, इंद्रा वर्मा, अपर्णा मिश्रा, सपना श्रीवास्तव के नाम शामिल है। जिन्होंने ने पूर्व मे भी रेडियो स्टेशन आकाशवाणी प्रसार भारती मे ग्राम लक्ष्मी, किसान वाणी, शाक्ति रूपा, आदि जैसे कार्यक्रम में प्रसंशनीय कार्य किया था।
साच को आँच क्या…
इस पूरे मामले में पडताल के दौरान एक साफ-साफ दिखाई देती बात मे पाया गया कि आकाशवाणी मे पदस्थ लोगों के डायरेक्ट्रेट के निर्देश जारी किए जाने के बाद लोगों की अपेक्षाएं सहायक निदेशक कार्यक्रम रत्नाकर भारती से एलीमिनेशन से बचने के लिए बढती रही चूंकि आकाशवाणी के प्रसार भारती के रेडियो स्टेशन पर अपने कुशल नेतृत्व में कई आयोजन मे मानवीय संवेदनाओं के आधार पर नेतृत्व करने का मौका भी दिया गया। जिसके कारण ही दशकों से कार्यरत सहकर्मियो की टीम के साथ बराबर सहयोगात्मक रूख अख्तियार किया।
जिससे लोगो ने कमजोरी समझ कर इज्जतदार, प्रतिभाशाली पद पर विराजमान अधिकारी को ब्लैक मेल करने की ठान ली।
प्रशासन करें सख्त कार्यवाही…
जिले मे इन दिनों अधिकारियों को अनावश्यक रूप से छवि धूमिल कर स्वार्थ सिद्ध किए जा रहे है जिस पर हमारी बराबर नज़र है। हालांकि शहडोल का प्रशासनिक तंत्र तत्थों की जांच पडताल के उपरांत ही किसी कार्यवाही तक पहुचता है जिससें किसी बेगुनाह को अपराधी घोषित न किया जाए। वरना समाज से प्रशासनिक व्यवस्था से विश्वास हट जाएगा।
महिला कर्मचारियों का बयान…
आकाशवाणी मे पदस्थ ज्योति विश्वकर्मा ने हमे बताया कि सहायक निदेशक कार्यक्रम रत्नाकर भारती व्यवहार कुशल है हमनें अभद्रतापूर्ण शब्दावली वाणी सुनी नही। वही पदस्थ अंजू, मंजू एवं रश्मि भारती का कहना है सर ने हमारे प्रति ऐसी कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है और हमारे व्यवहार खुद तय करते है की हमें कैसा मान सम्मान मिले।
कुल मिलाकर फेल उद्धोषको ने सहायक निदेशक पर अपनी चंद झूठी एकता के बल पर आकाशवाणी के अंदर प्रवेश करने का शार्ट कट तलाशने में लगी है। जबकि सूत्र बताते है कल यद्यपि ऐसी व्यवस्था हो की सारे बिना एलीमिनेशन के वापस आ सकते है सडक की लडाई आपसी सौहार्दय मे तब्दील हो जाएगी।
रिपोर्ट @जुबेर खान