टीवी चैनल एनडीटीवी को जल्दी ही नया मालिक मिलने वाला है। एनडीटीवी के प्रमोटरों प्रणय रॉय, राधिका रॉय और प्रमोटर संसथा आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की सीबीआई वित्तीय लेन-देन के एक मामले में जांच कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया कि स्पाइसजेट के सह-संस्थापक और मालिक अजय सिंह एनडीटीवी के सबसे बड़े शेयर धारक बनने जा रहे हैं।
अजय सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साल 2014 के चुनाव प्रचार की कोर टीम में शामिल थे। इंडियन एक्सप्रेस ने जब एनडीटीवी के सूत्र से पूछा कि क्या चैनल स्पाइसजेट के अजय सिंह को बेचा जा चुका है? तो जवाब मिला, “हाँ, सौदा पक्का हो चुका है और संपादकीय अधिकार के साथ चैनल का नियंत्रण अजय सिंह के हाथ में होगा।” इसी साल पांच जून को सीबीआई ने रॉय दंपति के निवास और दफ्तर पर कथित तौर पर बैंक लोन न चुकाने से जुड़े मामले में छापा मारा था। एनडीटीवी ने छापे के बाद जारी बयान में सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
सूत्रों के अनुसार स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग एडिटर अजय सिंह के पास एनडीटीवी के करीब 40 प्रतिशत शेयर होंगे। प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास करीब 20 प्रतिशत शेयर होंगे। बॉम्ब स्टॉक एक्सचेंज के जून 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार एनडीटीवी में प्रमोटरों के पास 61.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं 38.55 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है।
सूत्रों के अनुसार अजय सिंह एनडीटीवी का 400 करोड़ रुपये का कर्ज भी वहन करेंगे। कुल सौदा करीब 600 करोड़ रुपये में हुआ बताया जा रहा है। सौदे में करीब 100 करोड़ तक नकद रॉय दंपति को मिल सकता है।
जब स्पाइसजेट से एनडीटीवी से हुए सौदे के बारे में पूछा गया तो उसके अधिकारियों ने इसे “पूरी तरह बेबुनियाद और गलत” बताया। एनडीटीवी को भेजे गये ईमेल और मोबाइल मैसेज का कोई जवाब नहीं आया। अजय सिंह ने जनवरी 2015 में स्पाइसजेट की कमान संभाली थी और उसे सफल बनाया था।
नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के दौरान “अबकी बार मोदी सरकार” जुमले का श्रेय अजय सिंह को दिया जाता है। वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान प्रमोद महाजन के ओएसडी रह चुके हैं। उस दौरान उन्होंने डीडी स्पोर्ट्स और डीडी न्यूज को लॉन्च करने में प्रमुख भूमिका निभायी थी।
अजय सिंह साल 1996 में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बोर्ड में रहे थे। उन्होंने डीटीसी के कायाकल्प की योजना बनायी थी। उनके कार्यकाल में डीटीसी बसों की संख्या 300 से 6000 हो गई थी। दिल्ली के सेंट कोलंबा से पढ़े अजय सिंह आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं। उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की भी पढ़ाई की है।