लखनऊ- किसी भी व्यक्ति की मृत्यु दुखद एवं पीड़ादायक होती है। दिवंगत के परिजनों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है। यद्यपि किसी व्यक्ति की मृत्यु की भरपाई आर्थिक मदद द्वारा सम्भव नहीं है, फिर भी अखिलेश सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता से मृतक अधिवक्ताओं के परिवारों को कुछ हद तक राहत जरूर मिलेगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यहाँ अपने सरकारी आवास पर दिवंगत अधिवक्ताओं के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए, 17 दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता के चेक दिए। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा की अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए समाजवादियों ने हमेशा कार्य किया है।
अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए काॅर्पस फण्ड की व्यवस्था की गई है। इस फण्ड को कभी भी समाप्त नहीं किया जा सकता। लोगों को वकीलों से यह उम्मीद रहती है कि वे उन्हें न्याय दिलाएंगे। इसके दृष्टिगत जनता, खासतौर पर गरीब और कमजोर वर्गों को इंसाफ दिलाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार मा0 इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ का नवीन भवन निर्मित करा रही है, जो बेहद सुन्दर और शानदार होगा। प्रदेश सरकार वकीलों को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए भविष्य में भी जरूरी फैसले लेती रहेगी। आज मुख्यमंत्री द्वारा जिन दिवंगत अधिवक्ताओं के आश्रितों को आर्थिक मदद प्रदान की गई, उनमें मालती तिवारी (पत्नी स्व0 राम कृष्ण तिवारी), सरस्वती चैरसिया (पत्नी स्व0 अनिल कुमार चैरसिया), चन्द्रकला चतुर्वेदी (पत्नी स्व0 बैकुण्ठ नाथ चतुर्वेदी), ममता द्विवेदी (पत्नी स्व0 अजय कुमार द्विवेदी), कुसुम सिंह (पत्नी स्व0 दिनेश कुमार सिंह), प्रतिभा बाजपेयी (पत्नी स्व0 ओम नारायण बाजपेयी), अनवरी बेगम (पत्नी स्व0 सैय्यद मोहम्मद हादी), विशेषा सिंह (पत्नी स्व0 शत्रुघ्न सिंह), करुणा पाण्डेय (पत्नी स्व0 सूर्यमणि पाण्डेय), मंजू सिंह चैहान (पत्नी स्व0 देवेन्द्र सिंह चैहान), होशीला मौर्य (पत्नी स्व0 शिवाकान्त मौर्य), सरोज त्रिपाठी (पत्नी स्व0 लालजी त्रिपाठी), प्यारी देवी (पत्नी स्व0 लखन कुमार पटेल), अनुपमा त्रिपाठी (पत्नी स्व0 आशुतोष त्रिपाठी), अंजुम फिरदौस (पत्नी स्व0 मोहम्मद वसी सिद्दीकी), सीता श्रीवास्तव (पत्नी स्व0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव) तथा सैय्यद इमरान अहमद (पति स्व0 श्रीमती अंजुम इमरान) शामिल हैं।
आज के इस कार्यक्रम में महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने अपने स्वागत सम्बोधन में बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सृजित काॅर्पस फण्ड (अधिवक्ता कल्याण निधि) के माध्यम से दिवंगत वकीलों को आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने निधि के लिए शासकीय अनुदान को बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया है। वर्तमान सरकार ने 01 जनवरी, 2014 या इसके बाद, 60 वर्ष की आयु तक के दिवंगत होने वाले अधिवक्ताओं के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है।
वकीलों के परिवारों के कल्याण के लिए ऐसी योजना किसी अन्य राज्य में संचालित नहीं है। निधि के तहत 5 योजनाओं-उ0प्र0 अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा योजना, बीमा योजना, मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को आर्थिक सहायता, बार ऐसासिएशन के पुस्तकालयों हेतु विधि पुस्तकों की आपूर्ति तथा तहसील से जनपद स्तर तक के वकीलों के बैठने के लिए टीन शेड/चैम्बरों की मरम्मत-निर्माण योजना का संचालन किया जा रहा है।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी अब्दुल शाहिद, अपर महाधिवक्तागण गौरव भाटिया, बुलबुल गोदियाल, अशोक पाण्डेय, मुख्य स्थायी अधिवक्ता लखनऊ, संगीता चन्द्रा, बार काउन्सिल उ0प्र0 के अध्यक्ष परेश मिश्र, उपाध्यक्ष मधुलिका यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
रिपोर्ट:- शाश्वत तिवारी