लखनऊ- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र के जरिए एक फरवरी को पेश होने वाले बजट को स्थगित किए जाने का अनुरोध किया है। अखिलेश यादव ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह प्रदेश की जनता के नुमाइंदे हैं और वह उनसे गुजारिश करते हैं कि देश के पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर रेल व आम बजट को चुनाव के बाद पेश किया जाए।
अखिलेश यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि चुनाव घोषित होने के बाद इन सभी राज्यों में आचार संहिता लागू है, लिहाजा सरकार इन राज्यों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं कर सकती है लिहाजा इसका सीधा नुकसान प्रदेश की जनता को होगा। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में देश की सबसे अधिक आबादी निवास करती है और तकरीबन 20 करोड़ जनता इस बजट के पेश होने के बाद नुकसान का सामना करेगी।
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केंद्र सरकार को बजट पेश करने की अपनी तारीख को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट को कई राजनीतिक दलों ने स्थगित करने को कहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने की जरूरत नहीं। वहीं चुनाव आयोग ने अपने निर्देश में साफ किया है कि जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं वहां कोई ऐसी घोषणा नहीं हो सकती है जिससे आम चुनाव पर असर पड़े।
अपने पत्र में अखिलेश यादव ने लिखा है कि मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि 2012 में भी चुनाव के दौरान तत्कालीन केंद्र सरकार ने राज्यों के आम चुनाव को देखते हुए खुद से ही चुनाव के बाद बजट पेश करने का निर्णय लिया था। लिहाजा मेरी प्रदेश की जनता के नुमाइंदा होने के नाते आपसे अपील है कि सामान्य बजट व रेल बजट को निर्वाचन के बाद पेश करने पर विचार करने का का कष्ट करें ताकि उत्तर प्रदेश की जनता के विकास व हित की योजनाओं की घोषणा की जा सके।
गौरतलब है कि पंजाब और गोवा में मतदान चार फरवरी को होना है, जबकि उत्तर प्रदेश में चुनाव सात चरणों में होगा, पहले चरण का चुनाव 11 फरवरी को होना है और सभी राज्यों के चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे। [एजेंसी]