लखनऊ -अखिलेश यादव ने अचानक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को खुले तौर पर समाजवादी पार्टी के खेमे में शामिल किया है, वह निःसंदेह एक बड़ा दांव है।
तेज न्यूज़ के सूत्रों के हवाले से जो जानकारियाँ मिल रही हैं। उसके अनुसार आलोक रंजन को पार्टी के भीतर के इन्फ्रास्ट्रैक्चर को सुधारने की एक बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
तेज न्यूज़ के अनुसार पार्टी के पूर्व में किए गये तमाम विकास कार्यों को कैसे जनता के सामने प्रिंट व वीजुअल के माध्यम से सामने लाया जाए, कैसे रिटायर हो चुके प्रशासनिक अधिकारियों व बौद्धिक वर्ग को सपा से संबंध किया जाए…इस दिशा में आलोक रंजन की मदद ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि आलोक रंजन उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय (प्रशासनिक अधिकारियों व मीडिया में भी) मुख्य सचिव रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में अखिलेश की तमाम विकास योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान किया था।
वह चाहे मैट्रो रेल प्रोजेक्ट हो, लखनऊ-आगरा हाईवे हो, आलमबाग का बस अड्डा, सीजीसिटी, कैंसर हाॅस्पिटल, स्टेडियम……तमाम प्रोजेक्ट्स को केंद्र की खींचतान के बीच कैसे पटरी पर लाया गया,
इसे आम जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी। यह सब कैसे पहुँचे और मीडिया को कैसे साधा जाए इसकी जिम्मेदारी भी आलोक रंजन उठाएंगे। अखिलेश यादव का पूरा जोर सोशल मीडिया के बेहतरीन इस्तेमाल पर हैं क्योंकि अधिकतर चैनलों की जो वर्तमान में भूमिका है,
उसमें फिट होना मुश्किल है। ऐसे में श्री रंजन को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है कि वे सोशल मीडिया का कैसे और किस रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
तेज न्यूज़ के मुताबिक देश भर में जैसे छोटे व मझौले समाचार पत्र-पत्रिकाओं की बंदी हुई है उसको भी कैसे सपा के पक्ष में किया जाए व साहित्यकारों व कलाकारों के एक बड़े वर्ग को कैसे सपा के पक्ष में जोड़ा जाए, इसकी भी जिम्मेदारी श्री रंजन पर होगी।
रिपोर्ट – शाश्वत तिवारी